नाहन (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन शहर में रेणुका बांध विस्थापितों की समस्याओं को लेकर संघर्ष समिति ने विरोध दर्ज कराया है। लैंडलेस और हाउसलेस विस्थापितों की सूची जारी करने की मांग को लेकर समिति ने प्रदर्शन किया। विस्थापितों का कहना है कि उनकी समस्याओं का समाधान न होने के कारण वे अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
रेणुका बांध विस्थापित संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि विस्थापितों की समस्याओं को बार-बार बांध प्रबंधन और प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जा रहा है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। इस स्थिति ने विस्थापितों के बीच आक्रोश को जन्म दिया है। उन्होंने मांग की कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक जल्द बुलाई जाए, ताकि विस्थापितों के मुद्दों पर चर्चा और उसका समाधान किया जा सके।
विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार ने विस्थापितों की समस्याओं पर सरकार की गंभीरता का आश्वासन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के समक्ष भी इन मुद्दों को उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने विस्थापितों को मुआवजा देने के लिए कोर्ट में राशि जमा करवा दी है, इससे कई विस्थापितों को मुआवजा मिल चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस साल के अंत तक डायवर्सन और टनल निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया आयोजित की जाए और रेणुका बांध का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
विस्थापितों की समस्याओं को देखते हुए सरकार पहले से यह कहती रही है कि विस्थापितों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।
रेणुका बांध का निर्माण सिरमौर जिले में एक महत्वपूर्ण परियोजना है, इसका उद्देश्य क्षेत्र में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना है। हालांकि, इस परियोजना के कारण कई लोग विस्थापित हुए हैं और उनकी समस्याओं को हल करना सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई है। विस्थापितों का मानना है कि सरकार को उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालना चाहिए, ताकि वे एक बेहतर जीवन जी सकें।