नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। चुनावी राज्य हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। हरियाणा कांग्रेस की दिग्गज नेता एवं लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री की दावेदारी के सवाल पर बोला कि इस पर हाईकमान का आखिरी फैसला सर्वमान्य होगा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार में नहीं दिखने और पार्टी से नाराजगी के सवाल पर कुमारी शैलजा ने कहा, हरियाणा विधानसभा के लिए मेरा प्रचार आगामी दो-तीन दिनों में शुरू हो जाएगा। उसके बाद मैं लगातार पार्टी के लिए प्रचार में लगी रहूंगी। दिल्ली में अपने समर्थकों से मिलने लेकिन हरियाणा में कम मुलाकात को लेकर कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा में कई उम्मीदवारों से बात हुई है। उन्होंने कहा है कि पहले जमीनी स्तर पर हम अपना काम कर लें उसके बाद चुनाव अभियान तेज किया जाएगा।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बात का निर्णय पार्टी को लेना है कि कौन चुनाव लड़ेगा, कौन नहीं लड़ेगा। मेरी इच्छा थी चुनाव लड़ने की, जिसको मैंने बहुत समय पहले ही बताया था। लेकिन, बीच में लोकसभा चुनाव आया और हमने उसको जीता। विधानसभा चुनाव को लेकर हाईकमान का जो फैसला था, उसको माना गया।
हरियाणा के पूर्व सीएम एवं दिग्गज कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड देने से अपनी नाराजगी के कयास पर कुमारी शैलजा ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन कुछ मुद्दे थे, जो पार्टी के हाईकमान को पता हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात को लेकर शैलजा ने बताया कि ये सब पार्टी के अंदर की बातें हैं।
प्रदेश में दलित मुख्यमंत्री और खुद के दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि दावेदारी एक तरफ, लेकिन उस पर आखिरी फैसला हाईकमान का होता है। वो फैसला करेंगे कि किसको क्या जिम्मेदारी देनी है?
बता दें कि हरियाणा में अभी नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में है। सूबे में भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही थी, लेकिन ‘आप’ की एंट्री ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे दिया है।
हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होना है, वहीं नतीजे आठ अक्टूबर को सामने आएंगे।