मिर्जापुर, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के एक होर्डिंग में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर हटाकर उस स्थान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर लगाए जाने को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के फोटो के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की फोटो लगाए जाने से नाराज भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को हाथों में काली पट्टी बांधकर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में अंबेडकर मूर्ति के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
बाबा साहेब अंबेडकर की आधी तस्वीर के साथ अपना चेहरा लगाकर अखिलेश यादव ने दलित समाज का अपमान किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कृत्य के लिए माफी मांगे। अंबेडकर पार्क में जुटे लोगों ने नारेबाजी कर अपना आक्रोश जताया। भाजपा कार्यकर्ताओं के हाथों में ‘बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ लिखी तख्तियां थीं।
इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने फोटो (तस्वीर) को जोड़कर डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है। उनके चेहरे को हटाकर अपना चेहरा लगाया, इससे लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि यह दलित जाति का अपमान है।
पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव माफी मांगें। आखिर दलित समाज कब तक अपमान सहता रहेगा। समाजवादी पार्टी ने मायावती का अपमान किया था, अब अंबेडकर का अपमान कर रही है। जबकि भाजपा दलितों को अपने सिर पर बैठाकर विकास के मार्ग पर चल रही है।
वहीं, भाजपा के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी का इतिहास रहा है, वह बाबा साहेब का अपमान करती आई है। सपा ने मायावती का अपमान किया और अब अंबेडकर की जगह अपना चेहरा जोड़कर दलित समाज का घोर अपमान किया है। दलित समाज इसे कभी माफ नहीं करेगा। वह दलित हितैषी बनना चाहते हैं, लेकिन सपा का इतिहास दलित विरोधी रहा है।