समस्तीपुर, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के परिजनों से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी ने मुलाकात की। उन्होंने बच्चे की कस्टडी के लिए परिजनों की मांग को सही ठहराया।
लोजपा (आर) सांसद शांभवी ने पत्रकारों को बताया, ” इस केस की जानकारी पहले हो गई थी, लेकिन उस समय शीतकालीन सत्र चल रहा था। हमारे कार्यालय के लोग यहां पर आए थे। परिवार के सदस्य बेंगलुरु चले गए थे। हमारी फोन पर चर्चा हुई थी। वहीं, सत्र खत्म होने के बाद सबसे पहले हम यहां पर आए। जो भी हुआ, वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इस दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ खड़े हैं।
शांभवी ने आगे कहा, “परिवार की मांग पोते की कस्टडी को लेकर है। अब कस्टडी दिलाने को लेकर हम प्रयास करेंगे। उनकी पत्नी जो आरोपी हैं, उनके पास बच्चा सुरक्षित नहीं है, जो किसी परिपक्व इंसान को इतना टॉर्चर कर सकती हैं। आईपीसी की धारा 498 ए, दहेज प्रथा के खिलाफ है। यह महिलाओं को सुरक्षित और सशक्त करने के लिए है। लेकिन अगर महिलाएं इसका दुरुपयोग करती हैं और न्यायालय भी इसको नजरअंदाज करता है, तो समाज सही दिशा में नहीं जाएगा। अतुल सुभाष जैसे कई लोग सामने आएंगे, जो इस कानून के दुरुपयोग से प्रताड़ित होंगे। ऐसे में हमारा प्रयास रहेगा कि इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो और इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाए।”
उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी उसके दादा-दादी को दी जाए। अगर वो पढ़ा-लिखाकर अतुल सुभाष को बड़ा कर सकते हैं, तो अपने पोते को भी कर सकते हैं। वहीं, जिन पर जांच चल रहा है और जो जेल में हैं, वो बच्चे को पालने के लिए फिट नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि अतुल सुभाष ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या से पहले उन्होंने 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट जारी करके अपनी पत्नी और उसके परिवार वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने अपनी पत्नी पर मामले को निपटाने के लिए तीन करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था।