भावनगर, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेआईटीओ) के ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। उन्होंने अपने संबोधन में नौ संकल्पों पर बात की। इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के सदस्य और गुजरात के भावनगर निवासी दर्शक शाह ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “मैं सबसे पहले पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं कि वह ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम में आए। वह जैन समुदाय से जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी जिस सादगी से मंच पर आए, ऐसा लगा ही नहीं कि कार्यक्रम में पीएम आए हैं। वह लोगों के बीच में बैठे। यह सादगी सिर्फ पीएम मोदी ही दिखा सकते हैं। मंच पर आने से पहले उन्होंने अपनी चप्पल नीचे ही उतार दी। मैं समझता हूं कि पीएम मोदी अपनी उपस्थिति में इस कार्यक्रम को एक अलग ऊंचाई पर ले गए।”
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्र निर्माण के लिए हम सभी को नौ संकल्प दिए। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान जिस तरह से लोगों से संवाद किया, ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि कार्यक्रम में पीएम बोल रहे हैं। ऐसा लगा कि एक सामान्य व्यक्ति संबोधित कर रहा है। जब हम किसी शिविर में होते हैं तो गुरु ज्ञान देते हैं। पीएम मोदी की मौजूदगी में हम लोगों का इस कार्यक्रम के दौरान शिविर जैसा अहसास हुआ। मैं पीएम मोदी का आभार जताना चाहता हूं कि वह इस कार्यक्रम में आए।
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा था कि ‘नवकार महामंत्र’ विनम्रता, शांति और सार्वभौमिक सद्भाव का प्रतीक है। ‘नवकार महामंत्र’ सिर्फ एक मंत्र नहीं है। यह हमारे विश्वास का केंद्र है और इसका महत्व केवल आध्यात्मिक नहीं है। यह हमारे जीवन का मूल स्वर है। नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं है। यह हमारी आस्था का केंद्र है, हमारे जीवन का मूल स्वर और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। यह स्वयं से लेकर समाज तक, सबको राह दिखाता है।