नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के विजयपुरा जिले के टिकोटा तालुक स्थित होनवाड़ा गांव में 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा दिया है। जिसको लेकर सियासत तेज हो गई है।
बिहार के पश्चिम चंपराण लोकसभा सीट से भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि यह वक्फ कानून 1954 में आया था। इससे पहले जितनी भी जमीनें हैं, उस पर किसी का हक नहीं है। सरकार का हक है। सरकार ने अगर किसानों को जमीन दान किया है तो इसे वक्फ बोर्ड कैसे छीन सकती है। किसानों से जमीन छीनने की पूरे देश में एक साजिश चल रही है। ये चलन में है कि हम कागज नहीं दिखाएंगे लेकिन, जिसके पास कागज है उसकी जमीन छीनेंगे।
हम लोगों ने गुजरात में देखा कि छह हजार एकड़ जमीन पर ऐसा ही किया गया। दिल्ली में बाकायदा कोर्ट को कहना पड़ा कि आप फैसला देते हो कि हम निर्णय करें। कर्नाटक में बारह सौ एकड़ जमीन गरीब किसानों से छीनने का काम किया जा रहा है। मुझे यह सोचकर हैरानी होती है कि कोई अल्लाह के नाम पर कैसे इस तरह से गरीबों को सताने का काम कर सकता है। इससे ज्यादा शर्म की बात कुछ नहीं हो सकती है। या तो वह लोग इस्लाम के मानने वाले नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं एक भी कागज नहीं दिखाऊंगा, मैंने मुंह से बोल दिया तो यह जमीन वक्फ की हो गई और उसके बाद गरीबों को सताने का काम किया जा रहा है। पूरे देश में वक्फ कानून के संशोधन की इसलिए आवश्यकता है। कांग्रेस ने साजिश के तहत कहा कि वक्फ का कानून देश के अन्य कानूनों से ऊपर होगा। मेरा मानना है कि दुनिया में ऐसा कोई कानून नहीं है जो गरीबों के हक से ऊपर हो। यह देश संविधान से चलता है और इस देश का संविधान गरीबों के हित के लिए है। भारत सरकार गरीबों के न्याय के साथ खड़ी है।