यमुनानगर, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। यमुनानगर में शुक्रवार को उन्होंने इस घटना को “बेहद दुखद” और देश के लिए “स्तब्धकारी” करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
मंत्री ने कहा, “पहलगाम आतंकी हमला अत्यंत दर्दनाक है। निर्दोष और निहत्थे लोगों की निर्मम हत्या से पूरा देश सदमे में है। आतंकवादियों ने जो कायराना हरकत की, उसने सभी को झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया दी है। गृह मंत्री ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर पहलगाम का दौरा किया और घायलों के इलाज के साथ-साथ पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री ने विदेश दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटने का फैसला किया। इस हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।”
बेदी ने कहा, “हमारे नेतृत्व ने न केवल पीड़ितों के साथ संवेदना जताई, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम भी उठाए। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने सराहना की है।” उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाई और आतंकवादियों के कृत्य की निंदा की, जो देश में एक सकारात्मक माहौल को दर्शाता है।”
उन्होंने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कुछ लोग गलत बयानबाजी और सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री डालकर समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह निंदनीय है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को संयम बरतना चाहिए ताकि देश का माहौल खराब न हो।”
बेदी ने बताया कि हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ आज (शुक्रवार) सुबह जींद में इस विषय पर चर्चा हुई। हमारी सरकार सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री और गलत बयानबाजी पर नजर रख रही है और इसे गंभीरता से ले रही है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों, जो सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाए।”
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और सामाजिक विभाजन के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा पहले कभी नहीं था और इसे अब भी नहीं उठाना चाहिए। देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ, लेकिन आज हम एकजुट भारत की बात करते हैं।”