नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान, उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव सहित अन्य मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी।
जम्मू-कश्मीर में हाल में हुई आतंकी घटनाओं के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “दोनों देश आपस में बातचीत करें। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित हुई है। मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो इसके विपरीत सुझाव देते हैं। 2014 से पहले आपके शासन के दौरान क्या हुआ था? आतंकवादी लगातार हिंदुओं को निशाना बना रहे थे, स्कूलों में आग लगाई जा रही थी और बच्चों को पत्थर दिए जा रहे थे। कई चर्चाओं के बावजूद, नतीजा क्या निकला? नतीजा यह हुआ कि हमने आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। लेकिन, आज जो वहां पर सरकार बनी है, कहीं ना कहीं आतंकवादियों को लगता है कि हमारी ही सरकार बनी है, जो पहले हमारा साथ देती थी। इसी प्रकार से जो आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन केंद्र सरकार लगातार इस पर अंकुश लगाएगी और राज्य सरकार को भी आगाह करेगी।”
उत्तर प्रदेश की सभी नौ विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के चिन्ह पर उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, ”इस उपचुनाव में कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया है। कांग्रेस नाम की चीज अब देश में नहीं है। यह तो सुरक्षित सीट देखकर खुद को जिंदा रखने का प्रयास करना चाह रही है। कांग्रेस को अपना सिंबल सपा को सरेंडर कर देना चाहिए।
वायनाड उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन दाखिल करने के दौरान नामांकन स्थल के बाहर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की क्लिप पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा, “यह कांग्रेस का असली चेहरा है। वे आरक्षण की रक्षा करने की बात करते हैं, लेकिन विदेश में कहते हैं कि वे इसे खत्म कर देंगे। उन्होंने एक दलित को अपना अध्यक्ष तो बनाया, लेकिन लगातार उसका अपमान करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष को उनके साथ होना चाहिए था, लेकिन अध्यक्ष खिड़की से नामांकन देखते नजर आए। यह परिवारवादी मानसिकता से चलने वाली कांग्रेस की दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस दलित विरोधी है, जिसने बीआर अंबेडकर का अपमान किया है, और आज वे अपने ही अध्यक्ष खड़गे के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं।”