एआई आधारित आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को मिल रही डिजिटल शिक्षा, संख्या में हुआ इजाफा

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गाजियाबाद, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की गर्वनर आनंदीबेन पटेल ने देश के पहले एआई आधारित आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन गाजियाबाद में किया था। इसके बाद से ही यहां बच्चों को एआई के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। यहां बच्चों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्र में स्मार्ट टीवी के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इसमें डेली हैबिट से लेकर वैल्यू फॉर एजुकेशन से संबंधित जानकारी के बारे में उन्हें पढ़ाया जाता है। एआई की वजह से बच्चों की अटेंडेंस में भी इजाफा हुआ है।

आंगनबाड़ी स्कूल की सुपरवाइजर पूनम शर्मा ने बताया कि यह देश का पहले एआई आंगनबाड़ी केंद्र है, जिसमें डिजिटल माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चे पहले भौतिक रूप से पढ़ते थे, लेकिन रिजल्ट अच्छा नहीं आता था और जब से डिजिटल टेक्निक से पढ़ाना शुरू किया है। यहां मौजूद हर एक बच्चा बहुत ही खुशी के साथ पढ़ता है।

उन्होंने आगे कहा, “डिजिटल पढ़ाई की वजह से बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। बच्चों के परिवार वाले भी खुश हैं और लगातार यहां छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आज के बच्चे मोबाइल के माध्यम से भी बहुत कुछ सीखते हैं।”

सीडीओ अभिनव गोपाल ने बताया कि राज्यपाल ने एआई स्कूल का उद्घाटन किया था। इसके तहत स्कूल में स्मार्ट टीवी लगाए गए और पढ़ाई के कंटेट को भी इसमें अपलोड किया गया। एआई के माध्यम से बच्चों के अंदर खासा रुझान भी देखने को मिल रहा है। बच्चों के अंदर एक अलग उत्साह रहता है कि वह अपनी कक्षा में आकर एआई के माध्यम से पढ़ाई करते हैं।

उन्होंने आगे कहा, “औसतन आंगनबाड़ी केंद्र में 50 बच्चे पढ़ाई करते हैं। अब 1 तारीख से तकरीबन 50 आंगनबाड़ी केंद्रों में एआई के माध्यम से बच्चों के लिए व्यवस्था की जाएगी, जिससे बच्चों को फायदा होगा और बच्चों की अटेंडेंस में भी वृद्धि होगी। इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ एक लड़ाई लड़नी पड़ती थी, वह भी कहीं ना कहीं इस वजह से पूरी तरह कारगर साबित होगी।”

सीडीओ के अनुसार, आंगनबाड़ी में एआई के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है और उनको अच्छी आदतें भी सिखाई जा रही है। जैसे सुबह समय से उठना, नहा-धोकर स्कूल जाना, माता-पिता के पैर छूना, शालीनता से सबसे बात करना, एआई के माध्यम से तस्वीरों को पहचानना, स्टोरी बनाना, इन सब बातों को इसमें शामिल किया गया है।