गंगटोक, 29 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिक्किम के राज्य बनने की 50वीं वर्षगांठ के समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘एक्ट फास्ट’ दृष्टिकोण के जरिए पूरे देश के संतुलित विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
‘सिक्किमएट50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को पोषित करती है’ कार्यक्रम में पीएम मोदी वर्चुअली शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल संबोधन में कहा, “50 साल पहले सिक्किम ने अपने लिए एक लोकतांत्रिक भविष्य चुना। अपनी खास भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ, सिक्किम के लोगों ने भारतीय भावना को अपनाया। उनका विश्वास था कि जब हर आवाज़ सुनी जाएगी और हर अधिकार की रक्षा होगी, तो सभी को विकास के समान मौके मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के हर परिवार का भरोसा लगातार मजबूत हुआ है और देश ने सिक्किम की प्रगति के अच्छे नतीजे देखे हैं।”
राज्य के संतुलित विकास की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “50 वर्षों में सिक्किम प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल बना। 100 फीसदी आर्गेनिक स्टेट बना। सिक्किम देश के उन राज्यों में है, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है। ये उपलब्धियां आपके सामर्थ्य से हासिल हुई। सिक्किम आज देश का गर्व है। “
‘सबका साथ, सबका विकास’ के एजेंडे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं 2014 में पहली बार सरकार में आया था, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था। भारत को विकसित बनाने के लिए हर राज्य और क्षेत्र का संतुलित विकास जरूरी है। हर राज्य और क्षेत्र की अपनी खासियत है। इसलिए हमारी सरकार ने खासतौर पर उत्तर पूर्वी भारत को विकास के केंद्र में रखा है। हम ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के साथ ‘एक्ट फास्ट’ दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट हुई। देश के बड़े बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट शामिल हुए। सिक्किम समेत नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट की घोषणा की। पिछले पचास वर्षों में सिक्किम सतत विकास और पर्यावरण के प्रति जागरूक शासन का एक उदाहरण बन गया है, जिसने अपनी हरित पहलों और पर्यावरण नेतृत्व के लिए खूब तारीफ पाई है।”