कांग्रेस को ईवीएम की बैटरी पर सवाल उठाने से पहले अपनी बैटरी करनी चाहिए चार्ज : सतीश पूनिया

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जयपुर, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर राजस्थान के भाजपा नेता सतीश पूनिया ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका अभियान झूठ पर आधारित था, जिसको हरियाणा की जनता ने खारिज कर दिया।

सतीश पूनिया ने कहा, “भले ही कांग्रेस के लिए हरियाणा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित हों, लेकिन हमने यह चुनाव जीतने के लिए लड़ा था और हमने जीत दर्ज की। पवन खेड़ा सिर्फ अफसोस ही कर सकते हैं, इसके अलावा उनके पास करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।”

उन्होंने कांग्रेस की हार पर बात करते हुए कहा, “मुझे हंसी आती है कि कांग्रेस अब ईवीएम की बैटरी पर सवाल खड़े कर रही है, जबकि उन्हें अपनी बैटरी को चार्ज करना चाहिए। वह चुनाव के समय पूरी तरह से बिखर गए थे, लेकिन हमने सिर्फ मुद्दों पर चुनाव लड़ा और इसलिए हमें जीत मिली। कांग्रेस की हार का मुख्य कारण उनका अति आत्मविश्वास था।”

भाजपा नेता सतीश पूनिया ने कहा कि अगर भाजपा नागालैंड में जीतती है तो उसका असर हमारे सभी कार्यकर्ताओं पर पड़ता है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रदर्शन रहा है। जम्मू में कई सीटों पर हमारी पार्टी ने जीत दर्ज की है और घाटी में भी कई सीटों पर टक्कर दी है। वहां हमारा वोट शेयर भी बढ़ा है।

पूनिया ने कहा, “हरियाणा की राजनीतिक पृष्ठभूमि हमेशा से कांग्रेस के विपरीत रही है। चौधरी देवीलाल और बंसीलाल के समय से ही यह स्थापित तथ्य रहा है। हमने लोकसभा चुनावों में भी सफलता पाई थी, जहां भाजपा ने 10 में से पांच सीटें जीती थीं। इस विधानसभा चुनाव में भी कई क्षेत्रों में भाजपा को किसानों के बीच से अच्छा समर्थन मिला, जिसे कई लोग नजरअंदाज कर रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का मार्गदर्शन भाजपा के लिए निर्णायक रहा है। भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर साबित किया कि पार्टी की नीतियों और विकास कार्यों पर जनता का भरोसा कायम है।”

पूनिया ने “कांग्रेस के झूठे दावों” को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने आंदोलन और जातिगत मुद्दों को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा की जनता ने भाजपा के विकास के एजेंडे को चुना। हरियाणा की जीत से राजस्थान में भी पार्टी को फायदा होगा क्योंकि दोनों राज्यों की राजनीतिक और सामाजिक संरचनाएं काफी हद तक समान हैं।”