अंबाला, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव में अंबाला सीट से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस प्रत्याशी ने कांग्रेस और अपनी हार के लिए हुड्डा परिवार को जिम्मेदार ठहराया।
अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी परविंदर सिंह परी ने कहा कि कांग्रेस को जनता चाहती थी। हम लोग सोच रहे थे कि इस चुनाव में हम 65 से 70 सीट जीतेंगे, लेकिन, हम 37 सीट पर रह गए हैं। कांग्रेस की हार में कुमारी शैलजा को दरकिनार करना भी एक कारण है। चुनाव से पहले मनमर्जी तरीके से टिकट बांटे गए। अगर सलाह कर सही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाता तो आज कांग्रेस की यह हालत नहीं होती। परविंदर सिंह परी ने कहा कि उनके साथ भी साजिश हुई, जिस सीट से वह चुनाव लड़ रहे थे। यहां से हुड्डा परिवार ने निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को सपोर्ट किया। हुड्डा परिवार ने मुझे समर्थन नहीं दिया।
चित्रा सरवारा हुड्डा गुट की नेता मानी जाती हैं। इस सीट को वह चित्रा सरवारा को देना चाहते थे। लेकिन, यह सीट शैलजा गुट के खाते में आई।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि पुरानी कहावत है कि जिसके लिए तुम गड्ढा खोदते हो, उसमें गिरना तुम्हें ही पड़ता है। आज हुड्डा परिवार उसी गड्ढे में जा गिरा है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग ने जारी किए। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर हरियाणा में उभरी है। भाजपा को 48 सीटें मिली हैं। भाजपा ने लगातार तीसरी बार हरियाणा का चुनाव जीता है। भाजपा ऐसा करने वाली पहली पार्टी भी बन गई है। वहीं, एग्जिट पोल के रुझान कांग्रेस के लिए परिणाम में तब्दील नहीं हो पाए हैं। कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं हैं।