कानपुर, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बंद पड़े मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है। इस बीच, कानपुर में सोमवार को मंदिरों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है।
दरअसल, कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंचीं। इस दौरान क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
मेयर प्रमिला पांडेय ने बताया कि मैं कर्नलगंज आई थी, यहां पांच मंदिरों में भगवान की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हालत में मिली हैं। इस क्षेत्र में करीब 15 मंदिर हैं, जिन पर कब्जा है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मेयर ने कहा, “उनको कुरान का भी ज्ञान है, उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ-सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने का निर्देश दिया गया है। एक मंदिर बहुत दिन से बंद था, उसे खोला गया है। आने वाले दिनों में बंद मंदिरों को फिर से खोला जाएगा और उन पर अवैध कब्जे को हटाया जाएगा।
मेयर के मुताबिक, 1992 के दंगों के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था। आज जब शिवालय को खुलवाया गया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला, जबकि दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
इससे पहले 14 दिसंबर को पुलिस को दीपा राय इलाके में चेकिंग के समय एक मंदिर मिला था, जो सन 1978 के बाद से बंद बताया जा रहा है। यह मंदिर समाजवादी पार्टी के स्थानीय सांसद के घर से 200 मीटर की दूरी पर था।
मंदिर को खोला गया और वहां पूजा-पाठ शुरू किया गया। इसके बाद कुआं मिलने की जानकारी सामने आई और उसकी खुदाई कराई गई थी। इसी बीच, संभल के सरायतरीन इलाके में भी मंदिर मिला। चंदौसी में जमीन की खुदाई में उसके नीचे एक विशालकाय बावड़ी मिली है, जिसे अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है।