महाकुंभ नगर, 10 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 7 में तैयार किए गए कला कुंभ का शुभारंभ किया। यूपी स्टेट पवेलियन का शुभारंभ करने के बाद सीएम योगी ठीक सामने बने कला कुंभ पहुंचे और उन्होंने उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा निर्मित इस अनूठे शिविर का अवलोकन किया। परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक झांकियों के बीच सीएम योगी ने फीता काटकर परिसर का उद्घाटन किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने हॉल में मौजूद कलाकृतियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त की, जबकि थ्रीडी के माध्यम से कला कुंभ से संबंधित वीडियो भी देखा। यहां से मुख्यमंत्री सीधे प्रदर्शनी हॉल में गए, जहां उन्होंने सजाई गई अनूठी कलाकृतियों, विभिन्न मंदिरों की रेप्लिका और प्रदर्शनी को सराहा।
उन्होंने कला कुंभ को कुंभ के विकास का प्रमाणिक दस्तावेज करार दिया। इस दौरान प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
कला कुंभ में उत्तर प्रदेश की कला, संस्कृति, पुरातत्व के साथ ही कुंभ आयोजनों से संबंधित अभिलेखों की अनूठी प्रदर्शनी लगाई गई है। मेला क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ क्षेत्रफल में लगे कला कुंभ में प्रदर्शनी स्थल के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच भी सजाया गया है।
प्रदर्शनी गैलरी में भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की यात्रा, उत्तर प्रदेश के स्मारक, पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारक, पांडुलिपि और स्मृतियों से संबंधित चित्र, अनुकृति और प्रतिकृति प्रदर्शित किए गए हैं।
प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को पुरातात्विक और अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ प्रदर्शित किया गया है। यहां कुम्भ के आयोजनों, पौराणिक और ऐतिहासिक ग्रंथों में इससे संबंधित उल्लेख समेत सभी तरह के दस्तावेज, चित्र, लिखित सामग्री और जानकारियों की अनुकृति प्रदर्शित है।
कला कुंभ में सबसे अनूठी प्रदर्शनी है महाकुंभ के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर आधारित दस्तावेजों की प्रदर्शनी। प्रदर्शनी के आठवें खंड में महाकुंभ का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य नाम से प्रदर्शनी में 1866 से 1954 के कालखंड की प्रयागराज में आयोजित सभी कुंभ से संबंधित प्रशासनिक अंतर्दृष्टि को सरकारी पत्रों, अभिलेखों और दस्तावेजों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
इस खंड में रिपोर्ट, पत्र, प्रशासनिक आदेश आदि शामिल हैं। इस खंड में कुम्भ से जुड़ी पिछले 150 वर्षों की जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक कुम्भ के अवसर पर अधिकारियों द्वारा उठाए गए व्यवस्थागत कदमों, बुनियादी ढांचों के सुधार, सुरक्षात्मक और आर्थिक उपायों पर प्रामाणिक दस्तावेजी जानकारी प्रदर्शित है।