गुड फ्राइडे: तमिलनाडु और पुडुचेरी में जुलूस और प्रार्थना सभा, यीशु मसीह के बलिदान को किया गया याद

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सलेम, पुडुचेरी, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। गुड फ्राइडे पर तमिलनाडु और पुडुचेरी में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस दिन यीशु मसीह के सूली पर चढ़ने और बलिदान को याद किया जाता है। प्रार्थना सभाएं और विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में ईसाई शामिल हुए।

तमिलनाडु के तंजावुर जिले के माधा कोइल स्ट्रीट में गुड फ्राइडे पर “क्रॉस का रास्ता” जुलूस निकाला गया। यह जुलूस अवर लेडी ऑफ हेल्थ धार्मिक स्थल से शुरू होकर कब्रिस्तान तक गया। जुलूस में शामिल लोगों ने यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ने की घटना को नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया। फादर पेरिंगटन के नेतृत्व में पुजारी, नन और सैकड़ों भक्त शामिल हुए। पैरिश काउंसिल ने इस आयोजन को सफल बनाया। भक्तों ने प्रार्थना और चिंतन के साथ ईसा मसीह के बलिदान को याद किया।

पुडुचेरी के मिशन रोड पर ‘होली जेनाकारिनी कैथेड्रल’ में भी जुलूस निकाला गया। फादर फ्रांसिस कैलिस्ट ने क्रॉस उठाकर जुलूस का नेतृत्व किया। जुलूस मिशन रोड से मदर टेरेसा मार्ग होते हुए चर्च पहुंचा। सैकड़ों ईसाइयों ने विशेष प्रार्थना में हिस्सा लिया। पुडुचेरी के सभी चर्चों में पादरियों ने क्रॉस जुलूस और प्रार्थना सभाएं आयोजित कीं। यह आयोजन यीशु मसीह के कष्ट और उनकी मृत्यु की याद दिलाता है, जिसे ‘मौंडी थर्सडे’ के साथ जोड़ा जाता है। मौंडी यानि आज्ञा और थर्सडे यानि गुरुवार, तो यह वो दिन था जब प्रभु ने सूली पर चढ़ने से पहले, यानी गुरुवार को, अपने 12 चेलों संग आखिरी बार भोजन किया था। इससे पहले ईसा मसीह ने अपने चेलों के पैर धोए और पोछे थे।

सलेम के इन्फैंट जीसस कैथेड्रल में गुड फ्राइडे पर यीशु मसीह के क्रूस पर चढ़ने की घटना को नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया गया। फादर जोसेफ लाजर के नेतृत्व में आयोजित इस पुनरावृत्ति में 12 स्टेशनों (एक धार्मिक अनुष्ठान) के माध्यम से ईसा मसीह के कष्टों और क्रूस यात्रा को दर्शाया गया। हजारों भक्त कैथेड्रल परिसर में जमा हुए। विशेष प्रार्थना सभा भी हुई और सलेम के अन्य चर्चों में भी इसी तरह के आयोजन हुए।

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो यीशु मसीह के बलिदान और मोक्ष के संदेश की याद दिलाता है। इस दिन ईसाई प्रार्थनाओं, चिंतन और जुलूसों के साथ उनके बलिदान को याद करते हैं। यह आयोजन ईसा मसीह के प्रेम, करुणा और क्षमा के मूल्यों को जीवंत करता है।