ग्रामीण महिलाएं चला रहीं ‘काशी प्रेरणा कैफे’, ग्राहकों को मिल रहा मिलेट्स से बना प्रोडक्ट

0
62

वाराणसी, 21 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के कचहरी परिसर में ‘काशी प्रेरणा कैफे’ खोला गया है। इसमें प्रदेश की कई जगहों से ग्रामीण महिलाएं कार्यरत हैं। शनिवार को आईएएनएस ने यहां कर्मचारियों और अन्‍य लोगों से बात किया।

कैफे के मालिक अनूप कुमावत ने आईएएनएस को बताया, पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा काशी प्रेरणा कैफे अभियान की शुरुआत की गई है। इसमें गांव की गरीब महिलाओं को स्वावलंबन से जोड़ा जाता है। अभी तक ग्रामीण महिलाएं घर में सिर्फ खाना बनाती थीं, लेकिन अब रेस्टोरेंट चला रही हैं। वाराणसी जनपद में करीब 125 से ज्यादा रेस्टोरेंट खोला जा चुका है। कैफे में मिलेट्स का प्रोडक्ट दिया जाता है।

वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने बताया, प्रेरणा कैफे उन महिलाओं के सपनों काे साकार कर रहा है, जो महिलाएं गांव की दहलीज लांघने को सोचा करती थीं। इस कैफे के माध्यम से वह महिलाएं अपना ही नहीं, बल्कि अपने परिवार का भी भरण पोषण कर रही हैं। इन महिलाओं को कैफे चलाने के लिए सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ट्रेनिंग दी गई है। आज ये खाना बनाने के साथ लोगों को परोसने का काम कर रही हैं।

कैफे की एक महिला वेटर उर्मिला ने आईएएनएस को बताया, कैफे चलाने के लिए हमे बहुत अच्छी ट्रेनिंग दी गई है। यहां पर बाजरा के उत्पाद, सैंडविच, डोसा, इडली और दही बड़ा बनाते हैं। उर्मिला ने कहा क‍ि यहां से जुड़कर हमें अपनी जीविका चलाने में मदद मिली है। सरकार को इसके लिए धन्यवाद कहना चाहती हूं।

महिला ग्राहक रितु पटेल ने कहा, यहां पर बहुत अच्छी सुविधाएं है। सबसे खास बात ये है कि सरकार की पहल से ग्रामीण महिलाओं को कैफे के माध्यम से रोजगार मिल रहा है।

गौरतलब है क‍ि पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ऐसी कई योजनाओं चला रही है, जिसका सीधा लाभ देश की आधी आबादी को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ग्रामीणों महिलाओं को स्वावलंबन और रोजगार से जोड़ने के लिए कई पहल कर रहे हैं। इसी कड़ी में बनारस के कचहरी परिसर में ‘काशी प्रेरणा कैफे’ खोला गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उन्नति योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की 44 महिलाएं प्रेरणा कैंटीन (दीदी कैफे) चला रही हैं।

इस कैफे के जरिए महिलाएं हर महीने आठ से नौ हजार रुपये कमा कर वो अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। इससे सिर्फ गांव तक ही सीमित रह जाने वाली ग्रामीण महिलाओं में नया आत्मविश्वास आया है। दो साल पहले इस अभियान की शुरुआत की गई थी। अब 125 काशी प्रेरणा कैंटीन जनपद में संचालित हो रही हैं, जिनकी कमान महिलाओं के हाथ में है।