नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के 24 से 25 अक्टूबर के बीच पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने की आशंका है। तूफान की आशंका को देखते हुए भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल (आईसीजी) ने उत्तर-पूर्व में कई एहतियाती उपाय किए हैं। समुद्र में जानमाल की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए गए हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आईसीजी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। चक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। आईसीजी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जहाजों, विमानों और रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों को मछुआरों और नाविकों को मौसम की नियमित चेतावनी और सुरक्षा सलाह प्रसारित करने का काम सौंपा है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मछली पकड़ने वाले सभी जहाजों को लगातार अलर्ट भेजे जा रहे हैं। मछुआरों से तुरंत किनारे पर लौटने तथा सुरक्षित आश्रय लेने का आग्रह किया जा रहा है। आईसीजी ने अपने जहाजों और विमानों को समुद्र में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया है।
इसके अतिरिक्त, आईसीजी के कर्मचारी त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। तटीय क्षेत्र के मछुआरा समुदायों को विभिन्न चैनलों, जिसमें गांव के प्रधान भी शामिल हैं, के माध्यम से सूचित किया गया है कि वे चक्रवात के गुजरने तक समुद्र में न जाएं।
आईसीजी हाई अलर्ट पर है। इसकी प्रतिबद्ध आपदा राहत टीमें सहायता, बचाव और राहत अभियान के लिए तैयार हैं। वहीं, भारतीय वायु सेना ने चक्रवात दाना की तैयारी के लिए 150 एनडीआरएफ कर्मियों और 25 टन राहत सामग्री को भुवनेश्वर पहुंचाने का काम किया है। इसके लिए वायु सेना के आईएल-76 और एक एएन-32 विमान को तैनात किया है।
वायु सेना का कहना है कि यह तैनाती सुनिश्चित करती है कि चक्रवात के आने से पहले राहत कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन मौजूद रहें। वायु सेना ने राहत सामग्री की पहली खेप बुधवार तड़के भुवनेश्वर पंहुचाई।