जम्मू-कश्मीर: डोडा में एमएसएमई उद्यमियों के लिए प्रबंधन विकास कार्यक्रम शुरू, युवा दूत करेंगे सहायता

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डोडा, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर उद्यमिता विकास संस्थान (जेकेईडीआई) और जिला रोजगार केंद्र डोडा ने शनिवार को एक सप्ताह (30 घंटे) का ‘प्रबंधन विकास कार्यक्रम’ (एमडीपी) शुरू किया है। कार्यक्रम का उद्घाटन डोडा के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) हरविंदर सिंह ने किया।

इस संबंध में रोजगार अधिकारी निहाल पंडित ने आईएएनएस को बताया कि यह कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने और खासकर महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “जब कोई महिला कमाती है, तो वह अपने परिवार और समाज के लिए बहुत कुछ कर सकती है। यह हमारे जैसे पिछड़े क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी है।”

उनके मुताबिक, इसके साथ ही, जेकेईडीआई ने मिशन युवा के तहत 99 युवा दूतों की नियुक्ति की है, जो संभावित उद्यमियों को प्रोत्साहित करेंगे। दिसंबर से जनवरी तक चले सर्वे में जिला प्रशासन ने लगभग 23,000 संभावित उद्यमियों को चिह्नित किया, जिन्हें तीन श्रेणियों – नौकरीपेशा, बेरोजगार और गैर-पंजीकृत – में बांटा गया है। प्रत्येक युवा दूत को तीन पंचायतें आवंटित की गई हैं, जहां वे इन उद्यमियों से संपर्क करेंगे और उनके व्यापारिक विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा कि युवा दूतों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले दिन 50 युवा दूतों को प्रशिक्षित किया गया, जबकि शेष का प्रशिक्षण अगले दिन होगा। प्रशिक्षण में उन्हें ऋण आवेदन प्रक्रिया, उद्यमिता के विचारों को लागू करने और व्यवसाय स्थापित करने की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे, जिनमें युवा दूत संभावित उद्यमियों से जुड़कर उन्हें प्रेरित करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि इस पहल का मुख्य फोकस नैनो उद्यमों पर है, जिनमें 1 से 10 लाख रुपये तक का निवेश होता है। इसके अलावा, मौजूदा एमएसएमई और अन्य व्यवसायों को भी समर्थन दिया जाएगा। नैनो उद्यमों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी उपलब्ध होगी।

निहाल पंडित ने बताया कि जिले में ‘मुमकिन’ और ‘तेजस्विनी’ जैसी योजनाएं भी चल रही हैं, जिनके तहत हर साल 400-500 आवेदन जिला स्तरीय समिति (डीएलआईसी) के माध्यम से प्रोसेस किए जाते हैं। डीएलआईसी की अध्यक्षता उपायुक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि मिशन युवा का पहला वर्ष तैयारियों का चरण है, जो जल्द पूरा होने वाला है। अगले वर्ष से इसका कार्यान्वयन शुरू होगा, जिसमें जमीनी स्तर पर योजनाओं को लागू किया जाएगा। यह पहल डोडा जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।