अजमेर, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि “मंदिर-मस्जिद के रोज नए विवाद निकालकर कोई नेता बनना चाहता है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए, हमें दुनिया को दिखाना है कि हम एक साथ रह सकते हैं।
आरएसएस चीफ के इस बयान का कई मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया है। वहीं, अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा है कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने बिल्कुल सही कहा है। लेकिन, सब कुछ लुटा कर होश में आए तो क्या किया। अब तो जिन्न बोतल के बाहर आ चुका है, कोई सुनने को तैयार नहीं है। मैं समझता हूं कि सब कुछ उन्हीं की देन है। मोहन भागवत ने जो बयान दिया है उससे अब कुछ नहीं होगा। गाय संरक्षण के नाम पर गुंडागर्दी हो रही है। मैं तो चाहूंगा कि लोगों में बुद्धि आए। जब से राम जन्म भूमि आंदोलन शुरू हुआ, तब से ही माहौल खराब हुआ।
मोहन भागवत के बयान पर मौलाना कारी इस्हाक़ गोरा ने हाल ही में आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा था कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद को लेकर जो बयान दिया है, वह स्वागत योग्य है। हमने पहले भी कहा था और एक बार फिर कहते हैं, जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति हर बार गलत बात कहता हो। उनका बयान काबिले तारीफ है। लेकिन अफसोस इस बात का उनके शिष्य मान नहीं रहे। उनको अपने बयान में यह भी कहना चाहिए की अगर कोई इस बात पर अमल नहीं करेगा, मस्जिदों में मंदिर ढूंढने का काम बंद नहीं करेगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की जरूरत नहीं है। संभल में मुस्लिम इलाकों में मंदिर और कुआं मिलने के विवाद के बीच आरएसएस प्रमुख का अब एक और बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, हम लंबे समय से सद्भावना के साथ रह रहे हैं। अगर हम इस सद्भावना को दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं, तो हमें एक मॉडल तैयार करना होगा। राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर ऐसे ही मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे, यह स्वीकार्य नहीं है।