झारखंड की इस विधानसभा सीट पर कई दशकों से है ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ का कब्जा

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव का ऐलान हो चुका है। दो चरणों में यहां पर मतदान होंगे। पहले चरण के लिए 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 20 नवंबर को दूसरे चरण के ल‍िए मतदान होगा। वहीं, 23 नवंबर को परिणाम घोषित किया जाएगा।

झारखंड में पहले चरण के लिए 43 सीटों पर मतदान होंगे। वहीं, दूसरे चरण के लिए 38 सीटों पर मतदान किया जाएगा। पहले चरण के लिए शुक्रवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी नामांकन कर सकते हैं।

बता दें कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन्हें हॉट सीट कहा जा रहा है। इन्हीं में से एक बरहेट विधानसभा की सीट भी है। इस सीट से मौजूदा समय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं। वह साल 2014 व 2019 में हुए विधानसभा के चुनाव में यहां से भारी मतों से जीते हैं। इस सीट की खास बात यह है कि यहां पर कई दशकों से झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है। भाजपा ने यहां पर अपने उम्मीदवार तो उतारे, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख पाई है।

इसके पीछे कहा जाता है कि यहां पर रहने वाले आदिवासी लोग भगवान बिरसा मुंडा के अस्त्र तीर-धनुष को बहुत महत्व देते हैं। चूंकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनाव चिन्ह तीर-धनुष है। इसलिए, यहां के वोटर तीर-धनुष पर ही वोट करते हैं। आदिवासी लोगों का मानना है कि वह अपने भगवान के अस्त्र के साथ धोखा नहीं कर सकते हैं। उनके लिए दूसरे जरूरी मुद्दे मायने नहीं रखते हैं, यही वजह है कि भाजपा के साथ-साथ यहां पर दूसरी पार्टियों के लिए भी जीतना काफी मुश्किल रहा है।

आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर हेमंत सोरेन को करीब 54 फीसद वोट मिले थे। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी को करीब 35 फीसद वोट मिले थे। साल 2014 में हेमंत सोरेन को 46 फीसद वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी को 28 फीसद वोट मिले थे।

चुनाव आयोग के अनुसार झारखंड में 2.60 करोड़ मतदाता है। जिसमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिलाएं हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में करीब 11.84 लाख वोटर पहली बार वोट करेंगे।