झारखंड सरकार ने पूर्व सीएम के कारकेड की गाड़ियां वापस ली, चंपई बोले – साजिश का जनता देगी जवाब

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रांची, 25 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के सिक्योरिटी कारकेड में लगी सभी गाड़ियों को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। इसकी जानकारी चंपई सोरेन ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दी। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा है कि राज्य की जनता इसका जवाब देगी।

चंपई सोरेन ने लिखा, “सभी नियमों एवं प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार ने मेरी सुरक्षा में लगे वाहनों को वापस बुला लिया है। झारखंड में अपने लोगों के बीच मुझे किसी भी प्रकार की सुरक्षा की जरूरत नहीं है।”

सोशल मीडिया पर इस सूचना को साझा करने के कुछ मिनटों बाद उन्होंने भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ”कैसे रोकेगे उसको, जिसे तूफानों ने पाला है, माहौल बदलने वाला है।”

इस मामले पर झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मन में कुंठा इतनी है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री की सुरक्षा से भी समझौता करने के लिए हेमंत सरकार तैयार है। सभी पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने वाले सुरक्षा व्यवस्था से चंपई दा को आखिर वंचित क्यों रखा जा रहा है? अपने चाचा जी से आखिर इतना क्यों डर गए हैं मुख्यमंत्री जी?”

उन्होंने आगे लिखा, “हेमंत सरकार की नजरों में चंपई दा की सबसे बड़ी गलती यह है कि वे लगातार बांग्लादेशियों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे हैं और उनके संथाल परगना में प्रस्तावित विभिन्न कार्यक्रमों में उन्हें जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और लोग हेमंत सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों को बखूबी समझ रहे हैं।”

बता दें कि चंपई सोरेन को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा हासिल है। 31 जनवरी को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्होंने 2 फरवरी को राज्य के सीएम पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर जब जेल से बाहर आए तो उसके छठे दिन 3 जुलाई को चंपई सोरेन की जगह वह फिर से सीएम बने थे।

हेमंत सोरेन की कैबिनेट में चंपई सोरेन बतौर मंत्री शामिल किए गए थे। कुछ ही दिनों बाद उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई। 18 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपनी व्यथा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि उनसे अपमानजनक तरीके से सीएम पद से इस्तीफा लिया गया।

इसके बाद 28 अगस्त को उन्होंने झामुमो की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके पहले चंपई सोरेन ने झारखंड पुलिस की ओर से उनकी जासूसी कराए जाने का आरोप लगाया था। उनकी ओर से इस संबंध में नई दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।