भोपाल : 7 अक्टूबर/ साहित्य, संस्कृति और सृजन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय वनमाली सृजन पीठ के अंतर्गत वनमाली सृजन केन्द्र, भोपाल ईकाई के गठन की घोषणा सृजन पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष चौबे द्वारा की गई। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. वीणा सिन्हा को अध्यक्ष, संजय सिंह राठौर को उपाध्यक्ष, सुश्री विशाखा राजुरकर राज को संयोजक और डॉ. सावित्री सिंह परिहार को सह-संयोजक नियुक्त किया गया। वरिष्ठ कथाकार श्री मुकेश वर्मा और डॉ. विनीता चौबे केन्द्र के संरक्षक रहेंगे। केन्द्र की कार्यकारिणी में डॉ. रक्षा दुबे चौबे, श्री सुरेश पटवा, डॉ. रक्षा दुबे चौबे, श्री पियुष चतुर्वेदी, डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, श्री कुणाल सिंह, डॉ. नेहल शाह, श्री बद्र वास्ती, श्री महीप निगम, श्री मोहन सगोरिया, श्री मुदित श्रीवास्तव, डॉ. मौसमी परिहार, श्री प्रशांत सोनी को सम्मिलित किया गया।
वनमाली सृजन केन्द्र, भोपाल ईकाई साहित्य की विभिन्न विधाओं, हिंदी भाषा और बोलियों के संरक्षण और संवर्धन को लेकर युवाओं और वरिष्ठ रचनाकारों के समन्वय के साथ रचनात्मक कार्यों को संपादित करेगी।
इस अवसर पर श्री संतोष चौबे ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि सुप्रसिद्ध कथाकार शिक्षाविद् , विचारक जगन्नाथ प्रसाद चौबे ‘वनमाली जी’ के रचनात्मक योगदान और स्मृति को समर्पित वनमाली सृजन पीठ एक साहित्यिक, सांस्कृतिक तथा रचनाधर्मी अनुष्ठान है, जो विगत तीस वर्षों से परंपरा तथा आधुनिक आग्रहों के बीच संवाद तैयार करने के लिए सतत सक्रिय है। इन तीस वर्षों में वनमाली सृजन पीठ ने अविस्मरणीय सृजन यात्रा तय की है। यह यात्रा अनवरत जारी है।
वनमाली सृजन पीठ द्वारा हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के विस्तार के लिए लेखनरत साहित्यकारों को विगत तीस वर्षों से प्रतिष्ठित वनमाली राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित कर रहा है। इनमें वनमाली कथाशीर्ष सम्मान, वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान, वनमाली प्रवासी भारतीय कथा सम्मान, वनमाली विज्ञान कथा सम्मान, वनमाली मध्यप्रदेश कथा सम्मान, वनमाली युवा कथा सम्मान, वनमाली कथा आलोचना सम्मान, वनमाली साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाता है।
संपूर्ण भारत में वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की संकल्पना के साथ भोपाल (मध्य प्रदेश), बिलासपुर (छत्तीसगढ़), दिल्ली, खंडवा (मध्य प्रदेश), वैशाली (बिहार), हजारीबाग (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की गई हैं।
सुदूर अँचलों, गाँव–कस्बों में कला, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक सरोकारों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि में 177 से अधिक वनमाली सृजन केंद्रों की स्थापना की गई है।
विश्वरंग अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव ने साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक स्वर्णिम मुकाम बनाया है। इसी के तहत वनमाली सृजन पीठ एवं वनमाली सृजन केंद्रों द्वारा पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दूरदराज के अंचलों में पुस्तक यात्राओं का आयोजन कर हजारों स्थानीय रचनाकारों एवं लाखों युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
वनमाली सृजन पीठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री ज्योति रघुवंशी ने वनमाली सृजन केंद्रों द्वारा वर्ष भर में की जाने वाली रचनात्मक गतिविधियों का कैलेंडर प्रस्तुत करते हुए आभार व्यक्त किया गया।