नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव और तिरुपति मंदिर विवाद को लेकर विचार व्यक्त किए। उन्होंने दिल्ली चुनाव में अपनी पार्टी की सफलता की उम्मीद जताई।
वारिस पठान ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हमारे उम्मीदवारों को जनता का अपार समर्थन मिला है। हम पूरी उम्मीद रखते हैं कि 8 फरवरी को जब चुनाव परिणाम आएगा तब एआईएमआईएम को दिल्ली में सफलता मिलेगी। उन्होंने एग्जिट पोल के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में जो त्रिशंकु स्थिति दिखाई दे रही है, उसमें एआईएमआईएम ही जीत हासिल करेगी। जनता ने हमें जो समर्थन दिया है, वह हमारी जीत की ओर इशारा कर रहा है।
जब वारिस पठान से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी भविष्य में केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन करेगी, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और पार्टी नेतृत्व का निर्णय होगा। हम पार्टी के फैसले का पालन करेंगे, फिलहाल हम अपनी ही लड़ाई लड़ रहे हैं।
अभी हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रशासन ने 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया, इसके बाद विवाद छिड़ गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वारिस पठान ने कहा कि अगर कोई अन्य समुदाय ऐसा कदम उठाता है, तो उसे गलत ठहराया जाता है। अब तिरुपति मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों को बाहर निकाला जा रहा है, तो क्या यह संविधान के खिलाफ नहीं है? संविधान समानता की बात करता है और हम इसकी रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
केंद्र सरकार के वक्फ कानून के प्रस्ताव पर पठान ने सवाल उठाया, जिसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे। उन्होंने इसे मस्जिदों और मदरसों की संपत्तियों पर कब्जा करने की कोशिश करार दिया और भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ की नियत में खोट है, वह हमारी मस्जिदों और मदरसों को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। हम किसी को भी अपनी संपत्तियां नहीं लेने देंगे। हम पहले ही बाबरी मस्जिद खो चुके हैं, अब किसी को हमारे धार्मिक संस्थानों का एक इंच भी नहीं मिलेगा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें उन्होंने ईवीएम मैनिपुलेशन की आशंका जताई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल की आशंका सही प्रतीत हो रही है, क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजे कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं। चुनाव आयोग को इन शिकायतों का संज्ञान लेना चाहिए और मामले की निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए। भाजपा और कांग्रेस के लिए स्थिति मुश्किल है और एआईएमआईएम दिल्ली की सत्ता में अपनी जगह बनाएगी।