नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 1 अप्रैल को विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक नई रिपोर्ट पेश करेंगी। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के वाहन वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन के प्रयासों और उस पर हुए खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेगी।
कैग की यह रिपोर्ट वर्ष 2022 की दूसरी रिपोर्ट है, जो 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष से संबंधित है। इसे मुख्यमंत्री विधानसभा के पटल पर रखेंगी। रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इससे पहले तीन कैग रिपोर्ट सदन में पेश कर चुकी हैं। सभी रिपोर्ट दिल्ली सरकार की पूर्व नीतियों और योजनाओं से संबंधित थीं। इनमें दिल्ली की शराब नीति, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के खर्च और स्वास्थ्य क्षेत्र पर हुए खर्च से जुड़ी रिपोर्ट शामिल थीं।
इस बार की रिपोर्ट वायु प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और उनके वित्तीय पहलुओं की समीक्षा करेगी। विधानसभा में पेश होने वाली रिपोर्ट में शामिल कार्यसूची और अन्य चर्चाओं में कई अन्य विषय भी शामिल होंगे।
1 अप्रैल को विधानसभा का सत्र दोपहर 2 बजे शुरू होगा। कार्यसूची के अनुसार, सदन की कार्यवाही विशेष उल्लेख से आरंभ होगी, जिसमें माननीय सदस्य विभिन्न मुद्दे उठा सकते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री सदन के पटल पर कैग रिपोर्ट रखेंगी।
इसके अलावा, सदन में अल्पकालिक चर्चा के तहत दिल्ली में जल संकट, जलभराव, सीवरेज की समस्या और नालों की सफाई को लेकर चर्चा जारी रहेगी। इस विषय पर 3 मार्च को चर्चा शुरू हुई थी, जिसे अब आगे बढ़ाया जाएगा। इस चर्चा में विधायक सूर्य प्रकाश खत्री, मोहन सिंह बिष्ट और राज कुमार भाटिया भाग लेंगे।
दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, खासकर सर्दियों के महीनों में जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। दिल्ली सरकार ने इसके नियंत्रण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, सार्वजनिक परिवहन को सशक्त करना और प्रदूषण नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करना।
कैग की रिपोर्ट यह बताएगी कि इन योजनाओं पर कितना खर्च हुआ और क्या ये वास्तव में प्रभावी साबित हुईं। रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होगा कि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कितनी गंभीरता से प्रयास किए और क्या उसमें कोई वित्तीय अनियमितताएं हुईं।
माना जा रहा है कि कैग की इस रिपोर्ट को लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) सदन में हंगामा कर सकती है। वहीं, भाजपा सरकार पिछली कैग रिपोर्ट को लेकर लगातार आम आदमी पार्टी (आप) पर हमलावर बनी हुई है।