दिल्ली सरकार ने कैग रिपोर्ट किया पेश, तो पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे को घेरा

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में प्रदूषण को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई हैं। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।

दिल्ली सरकार में मंत्री पंकज सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल कहते कुछ थे और करते कुछ थे। उन्होंने कहा कि अब पिछली सरकार पर नहीं, वर्तमान सरकार पर ध्यान देने की जरूरत है। पिछले 10 वर्षों में दिल्ली की जनता को धोखा दिया गया। पैसों का गबन हुआ। हमारी सीएम ने कैग की रिपोर्ट पेश की है, जिसमें सब साफ हो गया है।

उन्होंने मिर्जा गालिब के मशहूर शेर ‘ताउम्र ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा’ का जिक्र करते हुए पूर्व की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर तंज कसा। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली अब विकास की ओर बढ़ चली है। अब भाजपा सरकार की बातों को सुना जाना चाहिए।

वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजीव झा ने कहा कि सरकार मुद्दों से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा कि कैग की आड़ में सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है। आज हम दिल्ली में बिजली कट का मुद्दा उठाने वाले थे, लेकिन आज कैग की रिपोर्ट पेश कर दी गई, जिससे साफ होता है कि सरकार मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती है।

‘आप’ विधायक अनिल झा ने आईएएनएस से कहा कि रेखा सरकार के आते ही दिल्ली में पावर कट की समस्या शुरू हो गई। हम इस पर चर्चा चाहते थे, लेकिन सरकार ने कैग की रिपोर्ट पेश कर दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बिजली कंपनियों को परेशान कर रही है। अगर मार्च-अप्रैल में ये हाल है, तो जून-जुलाई में क्या होगा।

उन्होंने कहा कि हम कैग की रिपोर्ट पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन हमें इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए समय चाहिए, जो सरकार ने नहीं दिया। कोई भी व्यक्ति 15 मिनट में रिपोर्ट को पढ़कर कैसे चर्चा कर सकता है।

‘आप’ विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि दिल्ली में पावर कट की समस्या शुरू होते ही अब जनता समझ चुकी है कि हमने गलत पार्टी को चुन लिया है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 24 घंटे बिजली की सप्लाई दी थी, लेकिन रेखा सरकार में पावर कट की समस्या शुरू हो गई है। हम आम लोगों से जुड़े मुद्दे सदन में रखेंगे। हम बिजली, पानी और शिक्षा को लेकर आंदोलनरत रहेंगे।