मुंबई, 23 मार्च (आईएएनएस)। सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रहीं दिशा सालियन की मौत के मामले में नया मोड़ आया है, जहां उसके पिता ने मुंबई हाई कोर्ट में फिर से याचिका दाखिल की है और आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा गठित एसआईटी इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं कर रही है।
दिशा के पिता ने नई याचिका में कुछ नए नामों को जोड़ा है और इन नामों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति से प्रेरित नहीं हैं, बल्कि उन्हें बस अपनी बेटी को न्याय चाहिए।
वहीं, दिशा सालियन के पिता के वकील निलेश ओझा ने कहा है कि सीबीआई द्वारा सुशांत सिंह राजपूत मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की गई है, लेकिन इसका दिशा के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। ओझा ने यह भी कहा कि क्लोजर रिपोर्ट का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि अदालत में कई मामलों में सीबीआई की रिपोर्ट को रिजेक्ट किया जा चुका है, जैसे कि आरुषि तलवार और जस्टिस निर्मला के मामले में।
ओझा ने आगे बताया कि दिशा के मामले में सीबीआई ने पहले ही स्पष्ट किया था कि उन्होंने दिशा के केस की जांच नहीं की थी, क्योंकि यह मामले अलग थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में राजनीति से बचना चाहिए और केवल कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
वकील ने यह भी आरोप लगाया कि आदित्य ठाकरे और उनके सिंडिकेट ने इस मामले में एक साजिश रची और दिशा की मौत को सुसाइड के रूप में पेश किया। ओझा ने सवाल किया कि दिशा के शव पर खून का कोई निशान नहीं था और ना ही उसके शरीर की कोई हड्डी टूटी थी। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या आदित्य ठाकरे और उनके साथियों का उस दिन उस स्थान पर होना सिद्ध हो सकता है या नहीं।
निलेश ओझा ने इस पूरे मामले को संवेदनशीलता के साथ देखने की अपील की और यह कहा कि अगर दिशा के पिता ने जो आरोप लगाए हैं, वे गलत साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार और एसआईटी सही तरीके से कार्रवाई करती, तो दिशा के मामले में न्याय मिल सकता था।