नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात से जुड़े उलेमा की एक गोष्ठी मंगलवार को दारुल उलूम शाने आला हजरत स्थित बिहारीपुर बरेली में सम्पन्न हुई।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि भारत को आजाद हुए 76 साल गुजर गए। आज हम जश्न-ए आजादी मना रहे हैं। मैं भारत में रहने वाले तमाम नागरिकों और खास तौर पर मुसलमानों से अपील कर रहा हूं कि हर व्यक्ति अपनी दुकान और मकान पर 12 अगस्त से 16 अगस्त तक तिरंगा झंडा लगाएं। इस्लामी संस्थाओं, मदरसों, दरगाहों, स्कूल और कॉलेजों जैसे संस्थानों से मेरी अपील है कि वो झंडा लहराएं और आजादी को धूमधाम से मनाएं।
मौलाना रजवी बरेलवी ने आगे कहा कि तिरंगा झंडा हमारे भारत की शान है, जो दुनिया में अपनी शानदार पहचान रखता है। भारत को आजाद करने में सभी सम्प्रदाय के लोगों का योगदान रहा है, इस योगदान में किसी को कमतर नहीं आका जाना चाहिए, हर एक व्यक्ति ने देश को आजाद करने में कुर्बानियां दी है।
इस दौरान मदरसे के सभी छात्रों ने तराना-ए-हिंद का पाठ किया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले बहादुर जवानों को याद किया। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले अल्लामा फजले हक खैराबादी, मुफ्ती रजा अली खां बरेलवी और खान बहादुर खां के बलिदान को याद किया गया।
वहीं मौलाना सूफी मुजाहिद हुसैन ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में हिंदुओं और मुसलमानों का मिश्रित योगदान रहा है। मुफ्ती शेख सिराजुद्दीन कादरी ने कहा कि देश की आजादी में हमारे बुजुर्गों का बड़ा योगदान रहा है।
मौलाना अबसार रजा हबीबी ने कहा कि काकोरी में सैकड़ों बेकसूर लोगों को अंग्रेजों ने शहीद कर दिया था, इस ऐतिहासिक घटना को 100 साल पूरे हो चुके हैं। सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से डाक टिकट जारी करे और चौराहों के नाम रखे जाएं।