नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। भारत और जापान की सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्डियन’ जापान के पूर्वी फूजी प्रशिक्षण क्षेत्र में चल रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने के ऑपरेशन पर केंद्रित है।
वर्तमान सुरक्षा माहौल में शहरी आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन सैन्य बलों का एक महत्वपूर्ण फोकस एरिया है। जापान में दोनों देशों के सैनिक शहरी सेटिंग्स में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों को संचालित करने की अपनी रणनीतियों को परिष्कृत कर रहे हैं। इस अभ्यास के जरिए दोनों सेनाएं अपनी क्षमता में सुधार भी कर रही हैं।
24 फरवरी से शुरू यह अभ्यास 9 मार्च तक जापान में जारी रहेगा। यह दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों की गहरी होती साझेदारी को दर्शाता है। शहरी आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के अलावा इसमें दोनों देश व्यापक प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, जिसका उद्देश्य सेनाओं के आपसी सहयोग को बढ़ाना है।
अभ्यास में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों का भी समावेश किया गया है। अभियान ऐसे वास्तविक परिदृश्यों की नकल करते हैं, जहां बहुराष्ट्रीय सेनाओं को चुनौतीपूर्ण और विविध वातावरणों में प्रभावी ढंग से मिलकर काम करना होता है।
अभी तक दोनों पक्षों ने कई सामरिक अभ्यासों में भाग लिया है। अब जैसे-जैसे यह अभ्यास आगे बढ़ रहा है तो भारत और जापान की सेनाओं द्वारा युद्ध अनुभवों का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इससे उनकी संचालन क्षमता सुदृढ़ हो रही है और आपसी सहयोग को भी बढ़ावा मिल रहा है।
इन गतिविधियों का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता को बढ़ाना है, ताकि भविष्य में शांति, रक्षा या मानवीय अभियानों में दोनों सेनाएं बिना किसी रुकावट के सहयोग कर सकें।
यह न केवल सैन्य व सामरिक प्रशिक्षण है, बल्कि इसके अलावा ‘धर्म गार्डियन’ सांस्कृतिक समझ को बढ़ाने वाला एक प्रयास भी है। यह सैनिकों के बीच दोस्ती को मजबूत करने पर भी जोर देता है। दोनों देशों के सैनिकों को अपनी सांस्कृतिक धरोहरों का प्रदर्शन करने का अवसर मिला है।
इससे दोनों सेनाओं के बीच मित्रता और आपसी सम्मान का संबंध और गहरा हुआ है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों सेनाओं के बीच स्थायी संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं को एक-दूसरे की बेहतरीन प्रथाओं से सीखने का भी अवसर मिला है।
दोनों सेनाओं का मानना है कि इससे भविष्य के संयुक्त अभियानों में महत्वपूर्ण सबक प्राप्त होंगे। भारतीय और जापानी सशस्त्र बलों के बीच सहयोग न केवल उनकी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए उनके साझा संकल्प को भी मजबूत करता है।
–आईएएनएस
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