21 दिसंबर, महाकुंभनगर। प्रयागराज की पहचान पूरे विश्व में त्रिवेणी संगम से होती है और संगम की पहचान यहां तैरती नावों से। नाव और नाविक ही हैं जो श्रद्धालुओं को तट से संगम की त्रिवेणी धारा तक ले जाते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के महाकुंभ को स्वच्छ और सुरक्षित महाकुंभ बनाने के अभियान में संगम तट की नावों और नाविकों का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
एक ओर तो सीएम योगी ने अपने हाथों से नाविकों को लाइफ जैकेट और सुरक्षा बीमा सर्टिफिकेट जारी किए, साथ ही उनकी नावों की मरम्मत और सुंदरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा, यमुना के घाटों और उनमें चलने वाली नावों को साफ, स्वच्छ रखने के साथ उन पर पेंटिग और चित्रकारी भी की जा रही है।
महाकुंभ 2025 को लेकर पूरे प्रयागराज और महाकुम्भ मेला क्षेत्र में निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में संगम के पक्के घाटों और नावों को भी चित्रित और पेंट कर सुंदरीकरण किया जा रहा है। साथ ही उन पर स्वच्छता के संदेश भी लिखे जा रहे हैं जो श्रद्धालुओं को स्वच्छ महाकुंभ अभियान में जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण में एसडीएम अभिनव पाठक ने बताया कि पेंट माई सिटी अभियान के तहत पूरे प्रयागराज शहर और नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत संगम क्षेत्र के घाट और नावों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे मिशन के तहत मेला प्राधिकरण 5 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र में पेंटिग और चित्रकारी का कार्य करवा रहा है। उसी क्रम में लगभग 2000 नावों को भी चित्रित करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव हो और वो पेंट किए गए स्वच्छता संदेशों से प्रेरित होकर नदियों को स्वच्छ रखने में योगदान दें।
प्रयागराज संगम में पीढ़ियों से नाव चलाने वाले नाविक और मल्लाहों का कहना है कि कुम्भ 2019 और महाकुंभ 2025 में पहली बार हम नाविकों की सुध लेने वाली कोई सरकार आई है। नाविक सियाराम निषाद का कहना है कि इसके पहले की सरकार कुम्भ, महाकुम्भ जैसे बड़े अवसर पर केवल लाइसेंस जारी करती थीं और नाव यात्रा के रेट तय करती थीं, हम नाविकों को और किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती थी। सीएम योगी की सरकार ने इस महाकुंभ में तो हमें लाइफ जैकेट, सुरक्षा बीमा के साथ नाव यात्रा का रेट 50 फीसदी बढ़ा दिया है और अब हमारी नावों की मरम्मत और पेंटिग भी कराई जा रही है। इससे बढ़कर हमलोगों के लिए क्या हो सकता है।