अमृतसर, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में नशे के खिलाफ शुरू किए गए पैदल मार्च का आज अंतिम दिन है। इस मौके पर राज्यपाल कटारिया ने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त बनाने में ग्रामीणों और शहरवासियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस अभियान में साथ देने वाले सभी लोगों का वे आभार व्यक्त करते हैं।
जलियांवाला बाग का जिक्र करते हुए कटारिया ने कहा, “मैं आज शहीदों की इस पवित्र भूमि को नमन करता हूं, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन जो कष्ट लोगों ने झेले, वह आज भी हमारी आंखों के सामने है।”
उन्होंने इस अभियान को केवल पंजाब तक सीमित न बताते हुए इसे पूरे देश का आंदोलन करार दिया और सभी से कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने की अपील की।
राज्यपाल ने पंजाब के मंत्रियों और सभी राजनीतिक दलों को इस अभियान से जुड़ने का निमंत्रण देते हुए कहा कि हम नशा मुक्त पंजाब बनाने का संकल्प है। इसके लिए सभी को एक मंच पर आना होगा।
उन्होंने मीडिया का भी आभार जताया, जिसने इस मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। कटारिया ने कहा कि पंजाब में मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।
जालंधर में हाल ही में एक भाजपा नेता के घर पर हुए ग्रेनेड हमले पर टिप्पणी करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है और न ही किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि देश में विध्वंसकारी ताकतें सक्रिय हैं। ऐसे समय में हमें एकजुट होकर इन ताकतों को सबक सिखाना होगा।
वहीं राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के दर्शन किए और पालकी साहिब समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भक्ति और श्रद्धा के अनूठे संगम का अनुभव किया। राज्यपाल ने भोर में आयोजित पालकी साहिब के दर्शन किए और इस पवित्र समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने पालकी साहिब को कंधा दिया और उसे अपने जीवन का एक यादगार पल बताया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के पदाधिकारियों ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का स्वागत और उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर कमेटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। राज्यपाल ने कमेटी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि स्वर्ण मंदिर की पवित्रता और यहां की व्यवस्था हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।