नागपुर हिंसा में शामिल लोगों को नहीं बख्शा जाएगा, कार्रवाई जारी : रविंद्र सिंघल

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नागपुर, 25 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

रविंद्र सिंघल ने बताया कि अब तक इस मामले में 13 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 114 से अधिक आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जो सीधे तौर पर हिंसा में शामिल थे। वहीं, उन लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, जिन पर हिंसा को प्रोत्साहित करने या इसमें मदद करने का संदेह है।

पुलिस कमिश्नर ने यह भी खुलासा किया कि हिंसा में शामिल कुछ लोग नागपुर के स्थानीय निवासी थे, जबकि कुछ बाहर से आए थे। उन्होंने कहा, “हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

उन्होंने बताया कि जांच अभी जारी है और हर नई जानकारी को गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस इस बात का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है कि इस हिंसा के लिए वास्तव में कौन जिम्मेदार है। साथ ही, इस घटना में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, डीसीपी (साइबर अपराध) लोहित मतानी ने बताया कि साइबर पुलिस की एफआईआर में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर प्रमुख फहीम खान समेत छह लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

इस घटना के बाद शहर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखने में सहयोग करें।

बीते दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि इस मामले में जांच जारी है और फिलहाल शहर में शांति बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि नागपुर में 1992 के बाद से कभी दंगे नहीं हुए और यह हालिया घटनाएं जानबूझकर भड़काई गईं। जिन लोगों का इस हिंसा में हाथ है, उन्हें “कब्र से भी खोदकर हम बाहर निकालेंगे”।

उल्लेखनीय है कि नागपुर हिंसा में कई पुलिस अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद बड़ी संख्या में नामजद और अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

इस हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी। हिंसा की शुरुआत तब हुई जब दो गुटों के बीच तनाव बढ़ा और स्थिति बेकाबू हो गई। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ के कारण इलाके में तनाव फैल गया।