नोएडा : मॉक ड्रिल में हवाई हमले से निपटने के सिखाए गए गुर, कमांडो ने संभाला मोर्चा

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नोएडा, 7 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के ठिकाने नष्ट किए जाने के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में बुधवार को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन और वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में संपन्न हुआ।

जिले के तीनों प्रमुख जोन नोएडा, सेंट्रल नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक साथ मॉक ड्रिल की गई, जिसमें पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, फायर ब्रिगेड, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड, मेडिकल टीम और अन्य आपातकालीन एजेंसियां सक्रिय रहीं।

अभ्यास के दौरान मॉल, हाईराइज इमारतों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, स्कूलों और अस्पतालों जैसी संवेदनशील जगहों को टारगेट किया गया। गौर सिटी मॉल, बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन, एलजी और हेयर कंपनी सहित कई प्रमुख स्थलों पर सायरन बजाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

एनटीपीसी दादरी में विशेष अभ्यास हुआ, जहां जिलाधिकारी मनीष कुमार और अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सूरजपुर पुलिस लाइन में पुरुष और महिला कमांडो टीमों ने हथियारों और रणनीतियों के साथ लाइव एक्शन मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया। इस दौरान डीसीपी यमुना प्रसाद, डीसीपी मुख्यालय रवि शंकर निम और एसीपी ट्विंकल जैन भी मौजूद रहे।

भारत-पाक तनाव को देखते हुए गृह मंत्रालय के निर्देश पर मॉक ड्रिल के दूसरे चरण में हवाई हमले की स्थिति को ध्यान में रखकर स्कूलों और विश्वविद्यालयों में विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

दिल्ली पब्लिक स्कूल नोएडा, कोठारी इंटरनेशनल स्कूल, मिहिर भोज इंटर कॉलेज, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल सहित कई संस्थानों में विद्यार्थियों को आपात स्थिति में सुरक्षित रहने और सतर्कता बरतने के उपाय सिखाए गए।

जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा, “यह मॉक ड्रिल एक अभ्यास है, वास्तविक हमले की कोई सूचना नहीं है। नागरिकों से अपील है कि वे घबराएं नहीं और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और आपातकालीन स्थितियों में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इस व्यापक अभ्यास के जरिए आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखा गया। सुरक्षा एजेंसियों ने न केवल लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने, प्राथमिक उपचार देने और राहत पहुंचाने की प्रक्रिया को दोहराया, बल्कि संभावित आतंकी हमले और हवाई हमले की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया की रणनीतियों पर भी जोर दिया।