पटना, 1 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शुक्रवार को संघ के कार्यकर्ताओं को पांच तत्त्वों को अपने जीवन में उतारने की बात कहते हुए कहा कि संघ कार्यकर्ता पंच परिवर्तन के उदाहरण बने।
पटना के विजय निकेतन में शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के निमित आयोजित प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, कुटुंब भाव, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, स्वदेशी का आग्रह और नागरिक कर्तव्य बोध का पालन करें।
उन्होंने कहा कि देव स्थल, सार्वजनिक पानी का स्थल और श्मशान भूमि पर सबका बराबर अधिकार होता है। अपना समाज एक परिवार के समान है। यह परिवार बोध सबके मन में होना चाहिए।
भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को स्वयं और अन्य लोगों को भी प्लास्टिक के प्रयोग से बचना चाहिए। पानी के दुरुपयोग और वृक्षों की सुरक्षा और संवर्धन पर भी ध्यान देना चाहिए। स्वयंसेवकों को स्वबोध का स्वाभिमान और स्वदेशी भाव पर जीवन को उत्कृष्ठ बनाने की योजना करनी चाहिए, जिससे समाज प्रेरणा पा सके।
उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि किसी देश का समुचित विकास तभी संभव हो पाता है, जब उसके नागरिकों में नागरिक कर्तव्य का बोध हो और उसके पालन के प्रति कठोरता हो। उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे इस दिशा में अपना उदाहरण प्रस्तुत करें।