नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी को “विफल” मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा है कि उनका शिक्षा-विरोधी रवैया पश्चिम बंगाल के युवाओं को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना से वंचित कर रहा है, जो उनके साथ विश्वासघात है।
सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सोमवार को एक पोस्ट में लिखा कि छात्र-विरोधी टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है। शिक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक, केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 से लेकर साल 2024 तक विभिन्न अवसरों पर पश्चिम बंगाल सरकार से इस संदर्भ में कहा जा चुका है। कई बार याद दिलाने के बावजूद, तृणमूल सरकार ने इस योजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सवाल किया कि “दीदी” बंगाल के छात्रों के लिए आधुनिक शिक्षा, उन्नत शिक्षण पद्धतियों और बेहतर बुनियादी ढांचे को क्यों रोक रही हैं। वंचित करने की यह राजनीति क्यों? बंगाल के युवा बेहतर शिक्षा के हकदार हैं, उनके भविष्य के साथ खेलना बंद करें।
इससे पहले, सोमवार को ही शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पश्चिम बंगाल राज्य ने अब तक इस संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किया है। उन्होंने राज्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने और ‘पीएम श्री’ योजना कार्यान्वित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस विषय पर भेजे गए पत्रों के जवाब नहीं दिए हैं।
जयंत चौधरी ने सदन को बताया कि ‘पीएम श्री’ योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को प्रदर्शित करना है। यह केवल संज्ञानात्मक विकास पर ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी के प्रमुख कौशलों से युक्त समग्र और सर्वांगीण छात्रों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह योजना विभिन्न पृष्ठभूमि, बहुभाषी आवश्यकताओं और विविध शैक्षणिक क्षमताओं की पूर्ति हेतु वातावरण तैयार करने पर केंद्रित है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर न होने के परिणामस्वरूप, पश्चिम बंगाल के छात्र ‘पीएम श्री’ योजना के लाभों से वंचित हैं।