नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता के शिखर पर पहुंचने का दावा करते हुए कहा है कि उनकी सरकार का काम सबको दिख रहा है।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में ही 16 नए शहरों में मेट्रो सेवाएं शुरू हो गई है और लगभग 700 किमी मेट्रो लाइन का निर्माण किया गया है। जबकि, उससे पहले 2014 तक 30 वर्षों में देश में केवल 5 शहरों में ही मेट्रो सेवा थी।
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में अंडर वाटर मेट्रो का उद्घाटन किया है, जो अपने आप में इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण है, उसे बनाने में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए लगे हैं। सबसे खास बात यह है कि इसमें हुगली नदी के नीचे का 520 मीटर का स्ट्रेच मात्र 45 सेकंड में कवर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि नागपुर मेट्रो का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है। शहरी क्षेत्रों में बेहतरीन परिवहन सुविधाओं की देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत बड़ी भूमिका होती है। इसे ध्यान में रखते हुए ही मोदी सरकार मेट्रो नेटवर्क के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है और इसमें तेजी से काम भी किया जा रहा है। मोदी सरकार देश के विभिन्न शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने के साथ-साथ बांग्लादेश, इंडोनेशिया और बहरीन में भी मेट्रो सेवा में सहायता कर रही है।
इसके साथ ही कंठ ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में सिर्फ घोटाले ही घोटाले हुआ करते थे। लेकिन, मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में भारत की तस्वीर बदली है, काम हुआ है और यह सब जनता को नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भारत के विकास से दर्द हो रहा है। राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि जनता से वोट हासिल करने के लिए उनके सामने रोड मैप रखना होगा, पॉजिटिव राजनीति करनी पड़ेगी, जो राहुल गांधी नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें संसदीय क्षेत्र (चुनाव लड़ने के लिए) नहीं मिल रहा है, उनकी माता जी राज्यसभा चली गईं हैं और पता नहीं ये (राहुल गांधी) कहां जाएंगे ?