वाराणसी, 14 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी में कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मोदी तो जीत जाएगा, क्योंकि आप जिताने वाले हो, लेकिन इस बार मुझे हर एक पोलिंग बूथ जीतना है, जिसकी जिम्मेदारी आपकी है।
सबसे पहले पीएम मोदी ने सभी कार्यकर्ताओं को थैंक्यू कहा और एक जून तक अपना उत्साह और उमंग बनाए रखने के साथ-साथ प्रत्येक पोलिंग बूथ पर विजय का मंत्र दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि लोगों का विश्वास जीतना आसान नहीं होता है। पंचायत चुनाव में भी जीतना हो तो नाकों चने चबाने पड़ते हैं। 24 घंटे लोगों के प्रति समर्पित रहना पड़ता है, तब जनता प्यार करती है और अपना आशीर्वाद देती है। ऐसे में इस बार भी जनता का ये प्यार, ये उत्साह, ये आशीर्वाद रोड शो के साथ-साथ ईवीएम में भी दिखाई देना चाहिए।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि यदि आप सभी कार्यकर्ता इजाजत दें तो आपसे कुछ कहना चाहता हूं। आपसे इतना ही कहना है, थैंक्यू। 2014 में भी यहां रोड शो किया था और 2019 में भी रोड शो किया था, देश भर में इन दिनों सप्ताह में तीन-चार रोड शो कर रहा हूं, लेकिन कल सारे रिकॉर्ड आपने तोड़ दिए। इसके लिए आपके माध्यम से जनता जनार्दन को सिर झुकाकर धन्यवाद करना चाहूंगा। आज जो आप कर रहे हैं, जीवन के कई वर्ष तक इस काम को मैंने भी किया है। संकल्प पूरा होने की खुशी एक कार्यकर्ता से ज्यादा किसी और को नहीं होती।
उन्होंने कहा कि काशी में जो कुछ भी विगत दस वर्ष में हुआ है, वो सब आपकी वजह से हुआ है। इसलिए पक्का भरोसा है कि इस बार भी आप संभाल लेंगे। आप चुनाव जीतने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। कोई कुछ भी कहे, लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत लगती है। ये जुलूस, नारे, रोड शो इससे चुनाव में बूथ पर असर नहीं पड़ता। हार-जीत से फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन अगर मतदान प्रतिशत में पीछे रह जाएं तो काशी का प्रतिनिधि होने के नाते क्या मुंह दिखाउंगा। इसलिए, पोलिंग बूथ जीतना ही संकल्प होना चाहिए। पोलिंग बूथ जीतने का तरीका क्या होना चाहिए? मतदान को लोकतंत्र के उत्सव में बदल दीजिए। अभी आपके पास 14 दिन हैं, इस दौरान पोलिंग बूथ पर उत्सव मनाएं। पूरे पोलिंग बूथ में जितनी सोसायटी हैं, मोहल्ले हैं, उन्हें आमंत्रित करें और वहां रंगोली व अन्य कार्यक्रम आयोजित करें। यही नहीं, जिस दिन मतदान करने जाएं तो देखें कि कौन मतदान करने आया और कौन नहीं। जो नहीं आया, उसे किसी भी तरह मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ पर लाना आपकी जिम्मेदारी होनी चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए कि आपके बूथ में दस कार्यकर्ता हैं। एक कार्यकर्ता कम से कम 30 वोटर को इकट्ठा करे और उन्हें गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकालकर पोलिंग बूथ तक लाएं। दूसरा आग्रह है कि हमारे बूथ पर पिछली बार जितने वोट मिले थे, उसका हिसाब लगा लीजिए। इस बार वो रिकॉर्ड तोड़ना है। जिस तरह धारा 370 हटाने के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने बलिदान दिया था, इस सपने को हमने पूरा किया है। मेरे जीवन की सबसे बड़ी घटना जम्मू-कश्मीर और श्रीनगर में बड़ी संख्या में मतदान होते देखना है। ये भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत हैं। ये हमारे दस साल की मेहनत का फल है। मेरा विषय यह नहीं है कि मेरी पार्टी का कोई व्यक्ति जीतेगा या नहीं, लेकिन लोकतंत्र मजबूत हुआ है, इसकी संतुष्टि है। लोगों को श्रीनगर में हुआ यह भव्य परिवर्तन दिखाना चाहिए। अगर श्रीनगर कर सकता है तो क्या काशी नहीं कर सकता है। इसीलिए 370 कोई सामान्य आंकड़ा नहीं है। इसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहीद हुए। मेरी इच्छा है कि हर पोलिंग बूथ में जितने वोट पड़े हैं, उसमें नए 370 वोट पड़ने चाहिए। ये मेरी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।