पीएम मोदी ने विदेश यात्रा पर उपहारों के जरिए दिखाई भारतीय संस्कृति की विरासत

0
5

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं, वह कूटनीतिक चर्चाओं से इतर देश की समृद्ध संस्कृति की विविधता की सौगात भी अपने साथ ले जाते हैं और उससे मेजबान देशों का परिचय कराते हैं। यह देश की सांस्कृतिक विरासत और कलाओं के जरिए संबंधों को कूटनीति की सीमाओं के परे नया आयाम देने में मददगार साबित होता है।

पिछले दिनों पीएम मोदी नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर गए थे। वह अपने साथ मेजबान राष्ट्राध्यक्षों के लिए देश के हर कोने से उपहार लेकर गए थे। इनमें आठ कलाकृतियां महाराष्ट्र से, पांच जम्मू-कश्मीर से, तीन-तीन आंध्र प्रदेश और राजस्थान से और दो झारखंड से थी। कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और लद्दाख से भी एक-एक कलाकृतियां थी।

महाराष्ट्र के उपहारों में सिलोफर पंचामृत कलश नाइजीरिया के राष्ट्रपति को दिया गया। यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पारंपरिक शिल्प कौशल का एक अद्भुत उदाहरण है। महाराष्ट्र के दहानू, तलासरी और पालघर क्षेत्रों में स्थित वारली जनजाति की वारली पेंटिंग ब्राजील के राष्ट्रपति को भेंट की गई। साथ ही कैरीकॉम के नेताओं को दिए गए गिफ्ट हैंपर में भी वारली पेंटिंग थी।

महाराष्ट्र की अन्य कलाकृतियों में पुणे से चांदी के ऊंट के सिर के साथ प्राकृतिक खुरदरा नीलम ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को दिया गया। जिनसे पीएम मोदी ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। पारंपरिक डिजाइन के साथ हाथ से नक्काशीदार चांदी का शतरंज सेट पुर्तगाल के प्रधानमंत्री को दिया गया। चांदी का बेहद खूबसूरत मोमबत्ती स्टैंड इटली की प्रधानमंत्री को दिया गया। कैरीकॉम के महासचिव को पीएम मोदी ने चांदी का फल का कटोरा उपहार में दिया, जिसमें एक मोर और एक पेड़ का चित्र हाथ से उकेरा गया था।

जम्मू-कश्मीर की जीवंत संस्कृति को दिखाने वाले उपहारों में कागज की कतरन से बने फूलदानों का जोड़ा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को दिया गया। इस पर सोने की नक्काशी की गई थी। गुयाना की प्रथम महिला को कागज की कतरन से बने बॉक्स में पश्मीना शॉल भेंट किया गया। कैरीकॉम देशों के नेताओं को दिए गए कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैंपर में कश्मीरी केसर भी था।

राजस्थान से जो उपहार प्रधानमंत्री ले गए थे उनमें अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को दिए चांदी का फोटो फ्रेम भेंट किया गया। जिस पर फ्लोरल वर्क किया गया था। यह राज्य की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। राजस्थान के मकराना से प्राप्त बेस मार्बल के साथ ‘मार्बल इनले वर्क’, जिसे ‘पिएट्रा ड्यूरा’ के रूप में भी जाना जाता है, नॉर्वे के प्रधानमंत्री को दिया गया। सोने की बारीक नक्काशी वाली लकड़ी की शाही सवारी की मूर्ति गुयाना के प्रधानमंत्री को उपहार में दिया गया। यह पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल का एक सुंदर उदाहरण है।

आंध्र प्रदेश से जो उपहार पीएम मोदी अपने साथ ले गए थे उनमें चांदी का क्लच पर्स ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी को दिया गया। इस पर सेमी-प्रेशियस स्टोन के साथ फूलों की आकृति के डिजाइन बने थे। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के अराकू घाटी में स्थानीय समुदायों द्वारा उगाए जाने वाले अराकू कॉफी कैरीकॉम देशों के नेताओं के गिफ्ट हैंपर में शामिल थी।

पशु, पक्षी और प्रकृति के चित्रण के लिए विख्यात हजारीबाग की सोहराय पेंटिंग आदिवासी संस्कृति में कृषि जीवन शैली और वन्यजीवों के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब मानी जाती है। प्रधानमंत्री ने इसे नाइजीरिया के उपराष्ट्रपति को भेंट किया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को झारखंड की खोवर पेंटिंग उपहार में दी गई। यह एक पारंपरिक कला है, जिसका मूल झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में है।

चिली के राष्ट्रपति को एक शीशम की लकड़ी का फोटो फ्रेम उपहार में दिया गया जो उत्तर प्रदेश में बना था। इस पर चांदी की बारीक नक्काशी थी। कर्नाटक के छोटे से शहर चन्नपटना का एक विशिष्ट उत्पाद लकड़ी का टॉय ट्रेन गुयाना के राष्ट्रपति के छोटे बेटे को दिया गया।

तमिलनाडु की तंजौर पेंटिंग फ्रांस के राष्ट्रपति को और बिहार की मधुबनी पेंटिंग, जिसे मिथिला पेंटिंग के रूप में भी जाना जाता है, गुयाना के राष्ट्रपति को भेंट की गई।

ओडिशा के कटक की सदियों पुरानी कला के प्रतीक के रूप में चांदी की बनी सुंदर नक्काशीदार नाव गुयाना के उपराष्ट्रपति को उपहार में दी गई। गुयाना की नेशनल असेंबली के स्पीकर को प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाखी केतली भेंट की जिस पर सेमी-प्रेशियस स्टोन जड़े हुए थे।