नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। शेयर बाजार में तेजी का फायदा उठाने और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए कई सरकारी कंपनियां अपनी ग्रीन एनर्जी इकाई का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।
बड़ी सरकारी कंपनियों में कोल इंडिया, ओएनजीसी, एसजेवीएन, एनएचपीसी, इंडिया ऑयल और एनएलसी इंडिया की ओर से ग्रीन एनर्जी इकाई स्थापित की गई है और यह कंपनियां स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।
एनटीपीसी ग्रीन की ओर से हाल ही में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 10,000 करोड़ रुपये के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए गए हैं। कंपनी के पास बड़ी संख्या में सोलर एसेट्स मौजूद हैं।
एनटीपीसी की तरह ही कई अन्य सरकारी कंपनियां भी आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।
सरकार के स्वामित्व वाली एसजेवीएन की ओर से चालू वित्त वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश करने की योजना बनाई गई है। इसका ज्यादातर हिस्सा कंपनी की सहयोगी इकाई एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी में निवेश किया जाएगा।
एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य 2030 तक 25,000 मेगावाट और 2040 तक 50,000 मेगावाट की ग्रीन एनर्जी क्षमता विकसित करना है।
देश की सबसे बड़ी सरकारी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोल इंडिया की ओर से स्वच्छ ऊर्जा सेक्टर में दो कंपनियां सीआईएल नवीकरणीय ऊर्जा और सीआईएल सोलर पीवी की स्थापना सोलर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल के विकास के लिए की है। इसका उद्देश्य 2028 तक 5 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करना है।
केंद्र सरकार की ओर से 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। 26 मई, 2023 तक सीपीएसई द्वारा 1,656 मेगावाट की सौर ऊर्जा और 51 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी थी।