नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर पर चोट लगी है। बहुत ज़्यादा खून बह गया है और डॉक्टरों को अंदरूनी चोट का भी संदेह है। किसी वरिष्ठ व्यक्ति को धक्का देना ठीक नहीं है। संसद के बाहर जब भी कोई विरोध प्रदर्शन होता है, तो लोगों के आने-जाने के लिए पर्याप्त जगह छोड़ी जाती है, लेकिन (लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष) राहुल गांधी जानबूझकर प्रदर्शनकारियों के बीच से चले गए। उन्होंने एक बुजुर्ग सांसद पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। मैं समझता हूं कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
राहुल गांधी ने अपने ऊपर हुए एफआईआर को मेडल बताया है। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा है कि भगवान उन्हें बुद्धि दें और ऐसा मेडल वह रोज लें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए राज्य मंत्री ने लिखा कि आज वरिष्ठ भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। भगवान से उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
कांग्रेस और राहुल गांधी ने जो इनके साथ किया, वह लोकतंत्र के चेहरे पर एक काला धब्बा है। ऐसे कृत्य करने के बाद भी बाबासाहेब आंबेडकर का नाम लेना उनकी ढोंगभरी राजनीति का प्रमाण है। यह शर्मनाक और निंदनीय है। दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि, कांग्रेस और नेहरू, बाबा साहब आंबेडकर के घोर विरोधी थे और आज भी हैं, नेहरू ने आंबेडकर को चुनाव न जीतने देने के लिए उनके खिलाफ प्रचार किया, कांग्रेस ने आंबेडकर के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे, वो कांग्रेस ही थी जिसने बाबा साहेब के संविधान के खिलाफ जा कर देश में आपातकाल लगाया, वो कांग्रेस ही थी जिसने लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की गैलरी में बाबा साहब की तस्वीर नहीं लगाई, वो कांग्रेस ही थी, जिसने गांधी परिवार के लोगों भारत रत्न दिया और बाबा साहब को इस सम्मान से वंचित रखा।