नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई। यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021 पारित किया था। पहले विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। संशोधन के जरिए पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है।
वहीं, जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि यूपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा सरकार को यूपी की सभी बेटियों की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा गंभीर है। चाहे वह किसी भी धर्म से हों। बेटी हिंदू की हो मुसलमान की, सिख की हो या फिर ईसाई की, बेटी बेटी होती है। किसी भी बेटी के साथ अत्याचार नहीं होना चाहिए। लेकिन, यहां सवाल यह उठता है कि क्या मजहब के नाम पर लड़कियों के साथ खिलवाड़ नहीं हो रहा है।
हालांकि, मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने वीडियो संदेश में सीधे तौर पर योगी सरकार के ‘लव जिहाद’ पर लाए गए नए कानून पर साफतौर पर कुछ तो नहीं कहा, लेकिन, उन्होंने सरकार से मांग की है कि सुरक्षा सभी बेटियों के लिए होनी चाहिए।
बता दें कि बिल के नए प्रावधानों के अनुसार किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, अनुसूचित जनजाति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी।
संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण के संबंध में किसी विदेशी या अवैध संगठन से धन प्राप्त करता है, तो उसे कम से कम सात साल की कैद होगी, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
–आईएएनएस
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