पोर्ट लुईस, 11 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी दो दिन की यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनका स्वागत बड़े धूमधाम से किया गया। पीएम मोदी का मॉरीशस के सर सीवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य रूप से स्वागत किया गया। इसके बाद यहां राजधानी पोर्ट लुईस में एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा का उदाहरण देखने को मिला, जब बिहारी परंपरा के तहत महिलाओं के एक दल ने पारंपरिक लोकगीत गाकर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।
महिलाओं ने खुशी के साथ गाया, “धन्य है, धन्य है देश हमारा हो, मोदी जी पधारे हैं। जय मॉरीशस बोलो जय भारत।” यह गीत भारत के भोजपुरी क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो मॉरीशस में बसे भारतीय समुदाय द्वारा यहां लाई गई थी।
मॉरीशस में पारंपरिक भोजपुरी संगीत शैली ‘गीत गवई’ काफी लोकप्रिय है। इसे विशेष मान्यता देते हुए, यूनेस्को ने दिसंबर 2016 में इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया। ‘गीत गवई’ मॉरीशस में भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बन चुकी है।
इसके बाद पीएम मोदी ने मॉरीशस में अपने स्वागत की जानकारी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने कहा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया गया। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों के लिए उनका मजबूत संबंध वास्तव में प्रेरणादायक है। इतिहास और हृदय का यह बंधन पीढ़ियों में पनपता रहता है।”
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की पहली यात्रा है।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करेंगे। वह वहां के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलेंगे। इसके अलावा, वह भारतीय मूल के समुदाय के सदस्य से भी बातचीत करेंगे, जो मॉरीशस के समाज और संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल है। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे, जो समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, लघु और मध्यम उद्यमों, और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति को भी समर्थन मिलेगा, जिसका उद्देश्य भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करना है।