प्रयागराज, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रयागराज जिला पंचायत कार्यालय के समक्ष विश्व हिंदू परिषद के साथ विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने हिंदुओं से जातिवाद छोड़कर एकजुट होने की अपील की। उनका कहना था कि अगर इस तरीके से हिंदुओं पर अत्याचार होता रहा, तो हिंदू संगठन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जाने की गुहार लगाई गई।
विरोध-प्रदर्शन में शामिल एक शख्स का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में हम लोग आवाज उठा रहे है। वहां पर स्थिति चिंताजनक है। चिन्मय दास को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया, वह गलत है। उनको रिहा किया जाना चाहिए। हमारे मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। महिलाओं को परेशान किया जा रहा है। वहां के हिंदू समाज के लोगों का रोजगार छीना जा रहा है। भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। भारत का हिंदू समाज बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़ा है।
उधर, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मंगलवार को हिंदू संगठनों का विरोध देखने को मिला।
विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा कि सभी बांग्लादेश की स्थिति से परिचित हैं। साल 1947 के बाद से जब भी वहां पर कोई घटना घटती है, तो हिंदुओं पर अत्याचार होता है। अब स्थिति और भी भयावह हो गई है और हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। संतों को सुरक्षा प्रदान करने की बजाय उनको जेल में डाला जा रहा है। उनको जेल में डालना बहुत ही निंदनीय है। यूनाइटेड नेशन्स और बांग्लादेश सरकार से हमारी मांग है कि वे सभी हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करें।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में तख्तापलट की कोशिश के दौरान जारी हिंसा में कई हिंदू समुदाय के लोग भी चपेट में आए हैं। इसके खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है।