‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ वेद का निचोड़ : साक्षी महराज 

0
14

मैनपुरी, 18 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद साक्षी महाराज ने विपक्षी दलों पर सोमवार को निशाना साधा। उन्होंने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नारे को महामंत्र और वेद का निचोड़ बताया है। भाजपा सांसद सोमवार को मैनपुरी के उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ को महामंत्र और वेद का निचोड़ बताया।

उन्होंने कहा कि एक रहोगे तो सेफ रहोगे, इकट्ठे रहोगे तो बचे रहोगे। विपक्ष लोगों को जातियों में बांटना चाहता है। उसने अंग्रेजों से सीखा है, फूट डालो राजनीति करो, इसलिए सभी हिंदुस्तान के लोगों में जातियां बताकर फूट डालना चाहते हैं, तो हमें कहना ही पड़ेगा बंटेंगे तो कटेंगे।

सांसद ने कहा कि इस बार करहल विधानसभा इतिहास रचेगा और ऐतिहासिक तरीके से कमल खिलेगा। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को ‘जहरीला सांप’ बताने पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि जो स्वयं जहरीले सांप हैं, जिन्होंने देश के टुकड़े करवाए, जिन्होंने पाकिस्तान बनवाया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की बात नहीं मानी, वह बौखला गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने यह भी तो बोला था कि मोदी जी को रोको नहीं तो सनातन मजबूत हो जाएगा, हिंदू मजबूत हो जाएगा। पीडीए और इंडी गठबंधन के लोग राष्‍ट्र व‍िरोधी, राम विरोधी, धर्म विरोधी और हिंदू विरोधी हैं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री योगी की वेशभूषा पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि इस पाप का प्रायश्चित भी अखिलेश को करना पड़ेगा। हमारे 13 अखाड़े हैं और अखाड़े तय करते हैं कौन साधु है, कौन साधु नहीं। अखिलेश जिनके पिताजी बलात्कार पर यह कहते थे कि बच्चे हैं गलतियां हो जाती हैं, ऐसे लोगों से कभी भी अच्छे की उम्मीद नहीं की जा सकती। वह अपने लोगों को सर्टिफिकेट दें, योगी जी को नहीं।

धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता पैदल यात्रा पर साक्षी महाराज ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जी अपने तरह से हिंदुस्तान में रहने वालों को इकट्ठा कर रहे हैं। हम उनकी प्रशंसा करते हैं।

वक्फ बोर्ड बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के विरोध किए जाने पर उन्होंने कहा कि अब तो हिंदुस्तान के बड़े-बड़े मुसलमान चिल्लाने लगे कि वक्फ बोर्ड को खत्म कर देना चाहिए और वह बोर्ड की सारी संपत्ति देश के नाम कर देना चाहिए।