बिहार इको टूरिज्म का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल होगा : बीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक

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पटना, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) के प्रबंध निदेशक नन्द किशोर ने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म की बड़ी सम्भवनाएं हैं। आने वाले समय में बिहार इसका सबसे बड़ा केंद्र होगा।

पटना के ज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय ट्रैवल और टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) 2024 के पहले दिन मंगलवार को दूसरे सत्र में ‘प्रकृति और पोषण : एक जिम्मेदार इको-पर्यटन मॉडल का निर्माण’ विषय पर आयोजित समूह परिचर्चा के दौरान नन्द किशोर ने कहा कि अभी बिहार में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर पर्यटन विभाग काम कर रही है। इस समूह परिचर्चा में जो भी सुझाव आये हैं, उस पर आगे काम किया जाएगा।

भोजपुर के वन प्रमंडल अधिकारी प्रदीप गौरव ने इको टूरिज्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि रोहतास व कैमूर में इसकी अपार सम्भवनाएं है। पूर्व में नक्सल समस्या के कारण उस क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे स्थल हैं, जहां तक लोग पहुंच ही नहीं सके थे। अब धीरे-धीरे वे स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं। ये स्थल विश्व के पटल पर अपनी पहचान बना सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इको टूरिज्म का मतलब संरक्षण, समुदायों और संधारणीय यात्रा को एकजुट करना है। इसमें प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा इस प्रकार से की जाती है, जिसमें स्थानीय वन्य जीवन, पर्यावरण और स्थानीय निवासियों को संरक्षित रखा जाए और उन्हें लाभ पहुंचे।

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सरकार के पर्यटक विभाग के सलाहकार राज बसु ने इको टूरिज्म के दौरान होम स्टे को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उन पर्यटन स्थलों पर एकदम से ग्राम्य जीवन जैसा अनुभव पर्यटकों को तभी मिल सकता है, जब वे होटल की जगह वहां प्रकृति परिवेश में अपना समय गुजारें। इसके लिए उन पर्यटन स्थलों के पास गांव में होम स्टे की सुविधा बेहतर होना आवश्यक है। कृषि-व्यवसाय, स्कूल ऑफ एग्री-बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मोहित शर्मा ने एग्री टूरिज्म पर अपने विचार रखते हुए कहा कि एग्री टूरिज्म की सम्भवनाएं तब बढ़ सकती है, जब आप इसके वैज्ञानिक पहलुओं को एक साथ लेकर लोगों को बताएंगे।

उन्होंने कहा कि जैसे शाही लीची से बने शहद में विश्व में सबसे कम सुक्रोज रहता है, इस कारण इसकी मांग ज्यादा है। नेपाल से आए बाशू धुनगाना ने बताया कि वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में जो जंगल भारत व नेपाल दोनों तरफ फैला है, उसे संयुक्त रूप से प्रमोट करने की जरूरत है। यहां टाइगर के साथ बहुत सारे वन्यजीव हैं, जो कुछ भारत की सीमा में हैं तो कुछ नेपाल में। पर्यटक जब दोनों को एकसाथ देखेंगे तब उन्हें और बेहतर अनुभव होगा।

उन्होंने कहा कि विजिट तराई के माध्यम से हमलोग टूरिज्म को और बेहतर तरीके से प्रमोट कर सकते हैं। महाराष्ट्र टूरिज्म के उप निदेशक विजय जाधव ने महाराष्ट्र के पर्यटन स्थलों को लेकर एक प्रजेंटेशन लोगों के बीच प्रस्तुत किया। उन्होंने महाराष्ट्र के विभिन्न स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

टीटीएफ-2024 में पहले दिन संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें चर्चित कलाकार स्वाति मिश्रा ने अपने गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ से लेकर मिथिला के पारम्परिक भजनों को सुनाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम