बिहार कृषि विश्वविद्यालय में कृषि उपकरणों का परीक्षण, इनोवेशन को भी मिलेगा बढ़ावा 

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भागलपुर, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में कृषि उपकरणों का परीक्षण हो सकेगा। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने अत्याधुनिक फार्म मशीनरी परीक्षण केंद्र की आधिकारिक स्वीकृति दे दी है। बताया गया कि इस सुविधा के मिलने के बाद किसानों को कृषि मशीनरी और उपकरणों के परीक्षण के लिए दूर के केंद्रों तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

यह केंद्र बीएयू के कृषि अभियंत्रण विभाग में स्थित है। इसमें सभी प्रकार की कृषि मशीनरी का परीक्षण किया जाएगा, जिससे गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सरकारी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इस केंद्र के संचालन की देखरेख के लिए एक समर्पित टीम भी बनाई गई है।

बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर. सिंह ने कहा, “यह बिहार के किसानों के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है। इस केंद्र के माध्यम से हम उच्च गुणवत्ता वाली मशीनरी तक आसान पहुंच प्रदान करना चाहते हैं। विश्वसनीय और परीक्षणित उपकरणों के माध्यम से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना चाहते हैं। यह विकास क्षेत्र में कृषि नवाचार को प्रोत्साहित करने और किसानों का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

केंद्र पारदर्शिता और दक्षता बनाए रखने के लिए सख्त दिशानिर्देशों का पालन करेगा, जिसमें परीक्षण उपकरणों की इन-हाउस कैलिब्रेशन, समय-समय पर समीक्षा और मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक प्रगति रिपोर्ट मंत्रालय को प्रस्तुत करना शामिल है।

इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों को एनआरएफएमटीटीआई, हिसार और एनईआरएफएमटीटीआई (विश्वनाथ चारियाली, असम) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे इसकी तकनीकी क्षमता और बढ़ेगी।

बीएयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया, “बीएयू में फार्म मशीनरी परीक्षण केंद्र की स्थापना न केवल बिहार के किसानों की सेवा करेगी, बल्कि, विश्वविद्यालय को कृषि मशीनीकरण और नवाचार का केंद्र बनाएगी। यह परीक्षणित और विश्वसनीय मशीनरी की पहुंच प्रदान करके कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और राज्य की कृषि वृद्धि में योगदान देगा।”

बीएयू के निदेशक अनुसंधान डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया, “इस केंद्र की स्थापना कृषि नवाचार को बढ़ावा देने में बीएयू की नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। यह सुविधा न केवल किसानों की सेवा करेगी बल्कि अनुसंधान का भी समर्थन करेगी, जिससे परीक्षणित मशीनरी नवीनतम कृषि विकास के साथ तालमेल रख सके।”