पटना, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में बाढ़ के बढ़ते खतरे को लेकर राज्य और केंद्र सरकार एक्टिव मोड में है। बाढ़ग्रस्त जिलों का दौरा करने के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि बीते कई दशकों से ज्यादा भयावह बाढ़ की स्थिति हमें इस बार देखने को मिल रही है।
उन्होंने कहा कि, पड़ोसी देश नेपाल में जिस तरीके से बाढ़ की वजह से एक विकराल स्थिति बनी हुई है। उसका असर बिहार पर भी देखने को मिल रहा है। मैनें बाढ़ से प्रभावित कई क्षेत्रों का जायजा लिया। पहली प्राथमिकता लोगों को राहत पंहुचाना है। हमारी सरकार का प्रयास यह है कि लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। मैंने खुद प्रशासन के साथ भी बैठक किया और हमारी सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी खुद इस विषय का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जितने फंड की जरूरत होगी, केंद्र सरकार सहयोग करने के लिए तैयार है। हम लोग उनमें से नहीं है कि चुनाव के वक्त शक्ल दिखाएं और उसके बाद दूसरे जगह व्यस्त रहें। विपक्ष के कई ऐसे नेता ऐसे हैं जो इस वक्त विदेश में घूम रहे हैं। ऐसे में पूरी जिम्मेदारी के साथ राज्य सरकार और हमारी केंद्र की सरकार यहां लोगों को राहत पहुंचाने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि मैं बहुत जल्द प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात करूंगा। जबतक नदियों को जोड़ने की योजना का कार्य नहीं होगा साल-दर-साल यह तस्वीर आती रहेगी। बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की सबसे महत्वाकांक्षी योजना नदियों को जोड़ने की योजना है।
दरअसल बिहार में बाढ़ से 55 प्रखंडों की करीब 10 लाख की आबादी अब तक प्रभावित हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार के 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखंडों में 269 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।