बुराड़ी विधानसभा : बिहारियों का वोट और आम आदमी पार्टी की जीत का समीकरण

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की बुराड़ी विधानसभा सीट सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। यह सीट पिछले कई सालों से राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र रही है। वर्तमान में बुराड़ी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है। इस समय इस सीट पर संजीव झा विधायक हैं, जो बिहार से आते हैं।

संजीव झा ने 2013, 2015 और 2020 के चुनावों में बुराड़ी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उनके नेतृत्व में इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने लगातार तीन चुनावों में सफलता हासिल की है। बुराड़ी विधानसभा सीट की खास बात यह है कि यहां की जनसंख्या में पूर्वांचल वोटर्स की संख्या करीब 30 फीसद है, जिनमें अधिकतर लोग बिहार के रहने वाले हैं। इससे यह साफ है कि बुराड़ी में बिहारियों की संख्या काफी अधिक है और इन वोटर्स का यहां के चुनावों में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। ये वोटर्स चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में बुराड़ी सीट पर एनडीए के तहत जेडीयू ने उम्मीदवार उतारा था, लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है और बुराड़ी सीट पर पार्टी की पकड़ मजबूत बनी हुई है।

बुराड़ी सीट के इतिहास पर अगर हम नजर डालें, तो यह सीट 2008 के चुनाव में भाजपा के श्री कृष्ण सिंह द्वारा जीती गई थी। हालांकि, इससे पहले यह सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती थी। 1993, 1998 और 2003 में हुए चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस सीट से जीत हासिल की थी। 1998 और 2003 में हुए चुनावों में शीला दीक्षित की जीत ने इस सीट की राजनीतिक अहमियत को और बढ़ा दिया था।

बता दें कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में पांच फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा आठ फरवरी को होगी। ईसीआई राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर्स हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख और युवा मतदाता 25.89 लाख हैं। उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है। इसके अलावा, दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 है।