नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के समुद्री जहाज आईएनएस सुजाता और आईसीजीएस वीरा शुक्रवार को कंबोडिया के सिहानोकविले बंदरगाह पहुंचे। भारतीय नौसेना की फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन (1टीएस) के समुद्री जहाज दक्षिण पूर्व एशिया में स्क्वाड्रन की लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती के हिस्से के रूप में कंबोडिया आए हैं।
इस यात्रा में भारत, रॉयल कंबोडियन सेना को एक हथियार सिम्युलेटर सौंपेगा। भारतीय नौसेना के जहाजों की कंबोडिया यात्रा हिंदुस्तान की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक हिस्सा है। भारतीय जहाजों के कंबोडिया पहुंचने पर कंबोडिया की समुद्री एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
14 से 17 फरवरी तक पोर्ट कॉल के दौरान भारतीय नौसेना और रॉयल कंबोडियन नेवी (आरसीएन) के बीच सहयोग और अंतर-संचालनीयता बढ़ाने के उद्देश्य से कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस यात्रा में दोनों नौसेनाओं के बीच पेशेवर आदान-प्रदान, क्रॉस ट्रेनिंग विजिट, सामाजिक संपर्क, मैत्रीपूर्ण खेल कार्यक्रम समेत अन्य कई गतिविधियां शामिल हैं। कंबोडिया पहुंचे सभी भारतीय जहाज इनमें शामिल होंगे।
इस यात्रा में रॉयल कंबोडियन सेना को एक छोटे हथियार सिम्युलेटर को औपचारिक रूप से सौंपना भी शामिल है। रक्षा क्षेत्र में सहयोग और क्षमता निर्माण भारत-कंबोडिया के मधुर और सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक अभिन्न अंग है। भारतीय स्क्वाड्रन की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को और अधिक मजबूत करना है।
इससे पहले फरवरी 2024 में कंबोडियाई नौसेना के अधिकारी भारत आए थे। कंबोडियाई नौसेना ने विशाखापत्तनम में एक्स-मिलन 24 में भाग लिया था। हाल ही की यात्राएं भारत-कंबोडिया संबंधों को बढ़ाने और भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के एक हिस्से के रूप में समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डालती हैं।