जम्मू, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगााम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकार के इन फैसलों पर पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने अपनी राय व्यक्त की, जिसमें भारत ने सिंधु जल समझौता को निलंबित करने और अटारी बॉर्डर को बंद करने जैसे मजबूत फैसले लिए हैं।
एसपी वैद ने इन फैसलों को पाकिस्तान, सेना और आईएसआई को सबक सिखाने के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि ये कदम न केवल पाकिस्तान पर दबाव डालेंगे, बल्कि उसके काले कारनामों का असर वहां की जनता पर भी दिखाएंगे।
पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी और सुरक्षा पर बैठक में पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जो पाकिस्तान को झटका देने के लिए जरूरी थे। खासकर 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल समझौता, जो बहुत एकतरफा था, जिसमें पाकिस्तान को 70 प्रतिशत पानी, यानी सिंध बेसिन की मुख्य नदियां, सिंध, चिनाब और झेलम का हिस्सा दिया गया, जबकि पंजाब की तीन नदियां भारत के हिस्से में आईं। भारत ने दरियादिली दिखाई और अधिकतम पानी पाकिस्तान को दिया, लेकिन पाकिस्तान इसे हमारी कमजोरी समझता है। समझौता में एक प्रावधान है कि कोई भी पक्ष असंतुष्ट होने पर इससे बाहर निकल सकता है। चूंकि पाकिस्तान सभ्य तरीके से नहीं समझता, इसलिए उसे इस तरह का झटका देना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का पानी बंद होगा, पानी का प्रवाह रोका जाएगा, और इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा। पाकिस्तान में कृषि, सिंचाई, बिजली उत्पादन प्रभावित होगा और पीने के पानी की किल्लत होगी। पाकिस्तान के काले कारनामों का असर उनके लोगों को दिखाना चाहिए ताकि उन पर दबाव पड़े। भारत सरकार ने अन्य फैसले भी लिए हैं, जैसे अटारी बॉर्डर बंद करना, दूतावास के स्टाफ को 55 से घटाकर 30 करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर 48 घंटे में वापस जाने का आदेश देना। ये कदम पाकिस्तान पर दबाव डालने के लिए काफी हैं। वे खून की होली खेल रहे हैं, लेकिन पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। उन्हें यह अहसास होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। पाकिस्तान, वहां की सेना और आईएसआई को चोट पहुंचाने के लिए ऐसे कदम उठाए जाएंगे। पाकिस्तान को घबराना चाहिए, और इस राक्षसी व्यवहार के लिए उनकी कमर तोड़ी जानी चाहिए। आज दुनिया भारत के साथ है।