भूटान नरेश भी महाकुंभ के कायल, आस्था की डुबकी लगाई, दिव्य-भव्य और डिजिटल स्वरूप को भी निहारा

0
4

महाकुंभ नगर, 4 फरवरी (आईएएनएस)। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई। भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक सोमवार को ही लखनऊ पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

वहीं, मंगलवार को नामग्याल वांगचुक के साथ मुख्यमंत्री प्रयागराज पहुंचे और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। भूटान नरेश संगम में आस्‍था की डुबकी लगाने के बाद अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन के लिए गए। दोनों नेताओं ने ‘डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र’ का भी दौरा किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर की है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ”भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज आध्यात्मिकता और आधुनिकता के पावन प्रतीक महाकुंभ-2025, प्रयागराज में ‘डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र’ का भ्रमण कर महाकुंभ के दिव्य-भव्य और डिजिटल स्वरूप का अवलोकन किया।”

सदी के सबसे बड़े आयोजन ‘महाकुंभ 2025’ में स्नान के लिए पूरी दुनिया लालायित है। इसी क्रम में भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भी गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में ‘पुण्य की डुबकी’ लगाने प्रयागराज पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें त्रिवेणी संगम पर विधिवत स्नान और पूजा-अर्चना कराई। जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को ही थिम्फू से लखनऊ पहुंचे थे, जहां सीएम योगी ने उनका स्वागत किया।

संगम में स्नान-ध्यान के उपरांत भूटान नरेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्षयवट का दर्शन करने पहुंचे। इसके बाद दोनों नेताओं ने बड़े हनुमान जी के मंदिर में मत्था टेका। इसके बाद दोनों नेताओं ने बड़े हनुमान मंदिर के नजदीक बने ‘डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र’ पहुंचकर महाकुंभ के दिव्य-भव्य और डिजिटल स्वरूप का भी अवलोकन किया।

भूटान नरेश का यह दौरा भारत-भूटान मित्रता एवं सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

महाकुंभ नगर में भूटान नरेश की आध्यात्मिक यात्रा के दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और विष्णु स्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ के महंत जगद्गुरू संतोष दास (सतुआ बाबा) सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।